बरेली। नगर निगम चुनाव को लेकर इंडियन मेडिकल एसोशिएशन (आईएमए) दो हिस्सों में बंट गया है। डॉक्टरों का एक ग्रुप भाजपा प्रत्याशी डॉ. उमेश गौतम के समर्थन में हैं तो दूसरा सपा और राष्ट्रीय लोकदल समर्थित प्रत्याशी डॉ. आईएस तोमर के। तोमर समर्थक डॉक्टरों ने आईएमए बरेली के नाम से नया व्हाट्सग्रुप भी बना लिया है। इसमें अधिकांश डॉक्टर भी जुड़ गए हैं। हालांकि इन डॉक्टरों का दावा है कि आईएमए का यह ग्रुप भी वर्ष 2015 से चल रहा है। पहले ग्रुप में 256 सदस्य थे। मगर, जब व्हाट्सएप ने सदस्यों की संख्या बढ़ाने की अनुमति दी तो नए सदस्य जोड़े गए हैं। दूसरी ओर भाजपा समर्थक आईएमए के सदस्य डॉक्टर सत्येंद्र सिंह ने आईएमए के नए ग्रुप को फर्जी बताकर आपत्ति जताई और उसे खत्म करने की मांग की है। फिलहाल दोनों डॉक्टरों के बीच सोशल मीडिया पर जंग जारी है। आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर विनोद पागरानी का कहना है कि आईएमए गैर राजनीतिक संगठन है। सभी डॉक्टर चुनाव में किसी का भी समर्थन या विरोध करने के लिए स्वतंत्र हैं।
डॉक्टरों का एक ग्रुप भाजपा प्रत्याशी उमेश गौतम तो दूसरा निर्दलीय डॉ. तोमर के पक्ष में
शहर के डॉक्टरों का सबसे बड़ा संगठन आईएमए अब दो फाड़ हो चुका है। आईएमए के व्हाट्सग्रुप में 850 डॉक्टर जुड़े हैं। आईएमए के सदस्य डॉ. आईएस तोमर इस बार सपा-रालोद और भीम आर्मी के समर्थन से महापौर पद पर चुनाव मैदान में हैं। डॉ. तोमर की आईएमए के डॉक्टरों के बीच में लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। वर्ष 2000 में जब डॉक्टर आईएस तोमर का भाजपा ने टिकट काट दिया था तो सभी डॉक्टरों ने इसे अपना अपमान बताकर उनका खुला समर्थन किया था। पूरा आईएमए डॉ. आईएस तोमर के समर्थन में सामने आया। उस चुनाव में डॉक्टर तोमर निर्दलीय चुनाव जीते थे। तब भाजपा के तत्कालीन प्रत्याशी 50 हजार वोटों के अंदर सिमटकर चौथे नंबर पर आए थे। इस बार डॉ. आईएस तोमर को चुनाव लड़ाने को लेकर डॉक्टरों का संगठन आईएएम दो हिस्सो में बंटा है।
भाजपा समर्थक डॉ. सत्येंद्र सिंह ने दूसरे ग्रुप को फर्जी बताकर जताई आपत्ति
डॉक्टर सत्येंद्र सिंह जहां खुलकर भाजपा प्रत्याशी उमेश गौतम के पक्ष में खड़े हैं तो वहीं डॉ. राजेश अग्रवाल ने निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. तोमर के समर्थन में आईएमए बरेली के नाम से नया व्हाट्सएप ग्रुप बना लिया है। नए व्हाट्सएप ग्रुप में 800 से अधिक डॉक्टर जुड़ चुके हैं। किसी ने नया ग्रुप छोड़ा नहीं है। कुछ दिन पहले आईएमए हाल में भाजपा प्रत्याशी उमेश गौतम और निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. आईएस तोमर ने मीटिंग करके यह दर्शाने की कोशिश की हैं कि डॉक्टरों का समर्थन उनके साथ है। मगर, अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि चुनाव में डॉक्टर किसके साथ रहेंगे। फिलहाल, डॉक्टरों के पक्ष में हमेशा एकजुट रहने वाला इंडियन मेडिकल एसोशिएसन (आईएमए) इस बार के चुनाव में क्या गुल खिलाएगा, यह तो 11 मई को पता चलेगा। मगर, इस बार यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि विभिन्न मुद्दों पर हमेशा एकजुट रहने वाले इंडियन मेडिकल एसोशिएसन (आईएमए) के डॉक्टर दो धड़े में बंट चुके हैं। चुनाव में डॉक्टरों की एकता तार-तार हो चुकी है।
दुविधाग्रस्त हैं डॉक्टर- किसका समर्थन करें, किसका विरोध
इंडियन मेडिकल एसोशिएसन (आईएमए) बरेली का जो नया व्हाट्सएप ग्रुप बना है, जिसमें 850 सदस्य हैं। आईएमए के अध्यक्ष हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विनोद पागरानी हैं, जिनका स्टेडियम रोड पर अपना निजी अस्पताल है। यह भाजपा से महापौर टिकट के प्रबल दावेदार भी थे। इनके अलावा मेडिसिटी अस्पताल के डॉ. विमल भारद्वाज आईएमए के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने भी मेयर का टिकट भाजपा से मांगा था। तीसरे डॉ. प्रमेंद्र महेश्वरी भी महापौर टिकट के दावेदार थे।
डॉ. उमेश गौतम भाजपा की अंदरूनी रेस में उनको पछाड़कर टिकट झटक लाए। अधिकांश डॉक्टर आरएसएस या भाजपा से जुड़े हैं। भाजपा प्रत्याशी के चुनाव में रोज कहीं न कहीं दिखते हैं। अन्य डॉक्टर भी भाजपा के चुनाव प्रचार में लगे हैं। भाजपा प्रत्याशी उमेश गौतम की कुछ दिन पहले आईएमए हाल में डॉक्टरों की मीटिंग हुई। उसमें तमाम डॉक्टर पहुंचे तो बहुत से नहीं भी आए। मीटिंग में डॉक्टरों ने भाजपा प्रत्याशी का समर्थन किया। दूसरी ओर सपा समर्थित प्रत्याशी डॉ. आईएस तोमर ने भी आईएम हाल में डॉक्टरों की मीटिंग बुलाई। डॉक्टरों के सामने असमंजस की स्थिति है कि वह भाजपा का समर्थन करें या फिर अपनी बिरादरी के निर्दलीय प्रत्याशी का।
डॉ. सत्येंद्र सिंह
आईएमए बरेली के नाम से डॉक्टरों का फर्जी ग्रुप डॉ. आईएस तोमर का समर्थन करने के लिए बनाया गया है। इससे आईएमए की बदनामी हो रही है। कोई भी व्हाट्सएप ग्रुप बनाए, लेकिन उसमें आईएमए न लिखे। इसे लेकर आपत्ति जताई गई है। जल्द ही इसके नतीजे सामने आएंगे। डा. सत्येंद्र सिंह, हड्डी रोग विशेषज्ञ
डॉ. राजेश अग्रवाल
आईएमए का यह ग्रुप नया नहीं है। यह ग्रुप 2015 से चल रहा है। उसी समय से मैँ इसमें एडमिन हूं। हमने केवल ग्रुप के सदस्यों की संख्या बढ़ाई है। पहले ग्रुप संख्या की लिमिट 256 थी। इसलिए ग्रुप में इतने ही सदस्य ही जुड़े थे। अब इनकी संख्या बढ़ गई है। ग्रुप का चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। डॉ. सत्येंद्र सिंह खाली रहते हैं। उनके पास कोई काम नहीं है। वह अनावश्यक विवाद फैलाते हैं। डॉ. राजेश अग्रवाल, बाल रोग विशेषज्ञ
डॉ. विनोद पागरानी
आईएमए गैर राजनीतिक संगठन है। कोई डॉक्टर चुनाव में किसी का भी समर्थन या विरोध कर सकता है। यह उसका व्यक्तिगत मत है। जहां तक आईएमए हाल में मीटिंग का सवाल है तो उमेश गौतम ने अपनी मीटिंग बुलाई और डॉ. तोमर ने अपनी। आईएमए ने किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में किसी भी डॉक्टर की कोई मीटिंग नहीं बुलाई। डॉ. विनोद पागरानी, अध्यक्ष आईएमए