अमेठी, । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से गरीबों को दी जाने वाली आवासीय योजना कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र में दम तोड़ रही है। यहां जायस कस्बे के सैदाना में करीब दर्जन भर मुस्लिम परिवारों ने प्रधानमंत्री आवास लेने से मना कर दिया है। और तो और शौचालय निर्माण के लिए मिलने वाली सरकारी मदद का एक रुपया भी लाभार्थियों को नहीं दिया गया।
बीजेपी के नगर पालिका के चेयरमैन की नींद उड़ी
इलाके के सभासद का कहना है कि ऐसा इसलिए हुआ कि लाभार्थी मुस्लिम जो ठहरे। इसके बाद अब बीजेपी के नगर पालिका के चेयरमैन की नींद उड़ गई है। जब इस बात की पड़ताल करते हुए जब लाभार्थी मोजिज मेंहदी से बात की गई तो उन्होंंने कहा कि हम आवास लेना चाहते हैं लेकिन 50 हजार रुपये हम उसमें लगाएंगे या बच्चों को भूखा मारेंगे। हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है कि या तो हमें डेढ़ लाख रुपये दिए जाएं या हमसे पूरा पैसा वापस ले लिया जाए। मोजिज मेहंदी ने बताया कि हमें 50 हजार रुपये मिले हैं लेकिन उसको हम खर्च नहीं कर सकते हैं। अगर हम उसमें से 10 हजार रुपये भी खर्च कर देंगे तो हमारे बच्चे भूखे मर जाएंगे। वो कहते हैं कि हमें डेढ़ लाख रुपये मिल जाएं तो हम कल कमरा बनवा दें, बस पूरी किश्त एक साथ मिले। उन्होंंने ये भी बताया कि हमने पहले शौचालय बनवाया लेकिन आज तक उसका भुगतान नहीं हुआ।
खुशनुमा नकवी ने बताया
एक अन्य लाभार्थी खुशनुमा नकवी ने बताया कि हमारे पास कोई आमदनी नहीं है इसलिए हम आवास नहीं बना पा रहे हैं। हमारे यहां एक दीवार और एक कमरे की जरूरत है, अगर बन जाएगा तो ठीक है नहीं तो कोई बात नहीं है। हमें कोई उधार पैसे देगा भी नहीं और हम किससे उधार लेंगे? हम उधार से घबराते हैं, कर्जदार घर आकर घेरेंगे तो हम कैसे रुपये ले लें? वह कहती हैं कि हमारे पति ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और डीएम को पत्र लिखा है ताकि हमें पैसा एक साथ मिल जाए। वही सभासद सैयद सादिक मेंहदी से जब बात की गई तो उन्होंंने कहा कि ये बात तो फार्म में ही दर्ज है। 20% की पहली किस्त 50 हजार रुपये की मिलेगी, फाउंडेशन तैयार होने के बाद दूसरी किस्त डेढ़ लाख की मिलेगी। और फिर स्लेप के लिए तीसरी किस्त का 50 हजार रुपये दिया जाना तय है। शौचालय निर्माण का आज तक भुगतान न होने के संदर्भ में उन्होंंने कहा कि हां साल भर हो गए हैं भुगतान नहीं हुआ। इसकी वजह ये है कि लाभार्थी मुस्लिम हैं, और चेयरमैन केवल सोनकर समाज का ही भुगतान करेंगे।
इस बाबत जायस नगर पालिका के चेयरमैन महेश सोनकर ने कहा कि हमें जानकारी हुई तो हम लाभार्थी के घर गए उन्हें समझाया लेकिन वो सभी एक मुश्त ढाई लाख रुपये मिलने के बाद ही निर्माण की बात कह रहे हैं जबकि हम इन लोगों के पास दो बार गए। शौचालय निर्माण में आज तक भुगतान नहीं होने की बात को उन्होंंने नकार दिया है।