भास्कर समाचार सेवा
नैनीताल। हाईकोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए मंगलवार को राज्य खेल निदेशालय ने एक अंतराष्ट्रीय धावक को खेल नीति के मुताबिक 5.50 लाख का चेक सौंपा। इस दौरान हाईकोर्ट के आदेश के पालन में खेल निदेशालय के अधिकारी कोर्ट में पेश हुए थे। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई ।
हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद खेल विभाग ने अंतरराष्ट्रीय धावक को सौंपा चेक
याचिकाकर्ता गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड सरकार की खेल नीति, 2014 के अनुसार 2016 से खेल पुरस्कार का भुगतान न करने पर उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिट याचिका दायर की थी। उन्होंने नोमी में आयोजित एशियाई 20 किमी रेस वॉकिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया। 2016 में जापान और 2016 में रोम, इटली में आयोजित 20 किमी रेस वॉक में भाग लिया।
याचिकाकर्ता के वकील इरुम जेबा ने बताया कि 2014 की खेल नीति के अनुसार याचिकाकर्ता खेल पुरस्कार के रूप में कुल 11,00,000/- रुपये का हकदार था, किंतु उसे इस राशि का केवल आधा यानी रु. 5.50,000/- केवल 2022 तक भुगतान किया गया था। शेष खेल पुरस्कार के लिए उन्होंने न्यायालय के समक्ष याचिका में प्रार्थना की।
न्यायालय ने एक खिलाड़ी को इस तरह का भुगतान न करने पर गंभीरता से लिया और मंगलवार को संयुक्त निदेशक खेल, उत्तराखंड सरकार को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा। न्यायालय ने कहा कि राज्य को उन खिलाड़ियों का सम्मान और सुविधा प्रदान करनी चाहिए, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
इसके बजाय खेल पुरस्कार का भुगतान न करना मनमाना और अन्यायपूर्ण है। न्यायालय ने याची को तुरंत सम्मान राशि का भुगतान न्यायालय में ही करने का निर्देश दिया। कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए संयुक्त निदेशक खेल ने भुगतान आदेश की प्रति एवं शेष चेक की राशि दे दी, जिसके बाद न्यायालय ने मामले को निस्तारित कर दिया।