नई दिल्ली । पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले के सात दोषियों में से एक नलिनी श्रीहरन को गुरुवार को वेल्लोर केंद्रीय जेल से पैरोल पर रिहा कर दिया गया। उम्रकैद की सजायाफ्ता कैदी नलिनी श्रीहरन को देश में 28 साल तक जेल में गुजारने के बाद पहली बार 30 दिन की साधारण पैरोल मिली है।
मद्रास हाईकोर्ट ने पांच जुलाई को अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए नलिनी को पैरोल पर रिहा करने के आदेश दिया था। पैरोल के दौरान नलिनी चेन्नई से लगभग 140 किलोमीटर दूर वेल्लोर शहर में रहेंगी, जहां उनके परिवार ने शादी के लिए सथुवाचारी में एक घर किराये पर लिया है। वह अपनी बेटी हरित्रा श्रीहरन, मां पद्मावती, बहन कल्याणी और भाई भाग्यनाथन के साथ अन्य रिश्तेदारों के यहां एक महीने तक रहेंगी। नलिनी चेन्नई के रोयापेट्टा में अपने घर नहीं लौटेंगी।
नलिनी को 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसे टाडा अदालत और सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद साल 2000 में तमिलनाडु सरकार ने मृत्युदंड को आजीवन कारावास की सजा में बदल दिया था। नलिनी को अपने पिता की मृत्यु के बाद घर लौटने के लिए 2016 में 12 घंटे के लिए आपातकालीन पैरोल दी गई थी। हालांकि, यह पहली बार है जब उसे साधारण पैरोल दी जा रही है।
अदालत में नलिनी ने कहा था कि वह और उसके पति मुरुगन, जो इसी मामले में जेल में हैं, ने अपनी बेटी के जीवन और शिक्षा के लिए कुछ नहीं कर सके हैं लेकिन वह उसकी शादी की व्यवस्था करना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि नलिनी ने जेल में ही हरित्रा को जन्म दिया था।
न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एम निर्मल कुमार की खंडपीठ ने उसे इस शर्त पर पैरोल दी है कि वह राजनीतिक नेताओं से मुलाकात नहीं करेगी। इसके अलावा वह न तो मीडिया को साक्षात्कार देगी और न ही सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट डालेगी।