अमन अवस्थी
भास्कर न्यूज
सीतापुर। ऑल इंडिया बैंक ऑफीसर्स कंफेडरेशन के आवाहन पर शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत जिले भर के सभी सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाओं में ताला लटक गया। लेनदेन न होने से 600 करोड़ के कारोबार पर प्रभाव पड़ा।
बैंकों के अधिकारियों ने इलाहाबाद बैंक मंडलीय कार्यालय सिविल लाइन पर एकत्र होकर संयुक्त रूप से अपना विरोध प्रदर्शन किया। भारत सरकार की बैंक विरोधी नीतियों एवं उच्च प्रबंधन के नकारात्मक रुख के कारण जिले भर के राष्ट्रीयकृत बैंकों के सैकड़ों बैंक अधिकारी आज सड़कों पर उतरे। इस मौके पर बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों ने मांग की कि बैंक अधिकारियों का वेतन पुनरीक्षण नवंबर 2017 से लंबित है। भारत सरकार तथा आईबीए की हठधर्मिता एवं हिलाहवाली के चलते उक्त समझौते में विलंब हो रहा है।
जबकि बैंक के अधिकारियों ने सरकार की सभी योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी निष्ठा के साथ करते हैं। पूरे देश ने इस बात को करीब से देखा है कि जन-धन योजना, नोट बंदी योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, जीवन सुरक्षा सहित प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी मुद्रा योजना जिन पर मोदी सरकार अपनी विकास यात्रा की पीठ थपथपाती है वह सब बैंक कर्मचारियों द्वारा निष्पादित होती है किंतु सरकार ने हम श्रमिकों की अपेक्षा करने का मन बना रखा है। उन्होंने कहा कि वेतन पुनरीक्षण, पेंशन पुनरीक्षण, चिकित्सीय सुविधाओं में वेतन समझौते, सभी बैंकों की स्केल एक से सात तक की पूर्ण सहमत है।
कर्मचारी राष्ट्रीय बैंकों के मर्जर बैंक कर्मियों पर हो रहे हमलों पर रोक लगे। बैंक का व्यवसाय में कार्यों तथा चिकित्सा बीमा प्रीमियम में हुई अत्यधिक वृद्धि को बंद किया जाए। साथ ही बैंकों के ऋण की वसूली हेतु बैंक कार्रवाई की जाए। आज के प्रदर्शन में पंजाब बैंक के जिला मंत्री प्रकाश मिश्रा, इलाहाबाद बैंक के मंडल अध्यक्ष कमलेश पांडे, जिला मंत्री अंजनी पांडे, कारपोरेशन बैंक के प्रशांत शर्मा, शशी राज, विवेक राज, आशीष मिश्रा, रणजीत दास पांडे, दीपिका बारूपाल, पूजा शुक्ला समेत सैकड़ों की संख्या में बैंक कमर्मचारी व अधिकारी मौजूेद रहे।