इस बार शारदीय नवरात्रि अनेक वर्षों बाद एक बेहद शुभ संयोग लेकर आ रहे हैं। ये ग्रह संयोग बेहद विशेष हैं। इस बार देवी दुर्गा नांव पर सवार होकर पृथ्वी पर विराजेंगी और इस आगमन को बहुत ही शुभ माना गया है। इस वर्ष नवरात्रि में पूरा संयोग ही बेहद शुभ साबित होने वाला है। पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को शारदीय नावरात्रि की शुरुआत होती है।
9 दिनों की गई देवी आराधना बहुत ही शुभकारी होती है
पंचांग के मुताबिक इन दिनों में उपासना करने का फल अभूतपूर्व साबित होगा। 10 अक्टूबर, बुधवार से नवरात्रि प्रारंभ होने जा रही है। वहीं नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व पर मां दुर्गा के नौं स्वरूपों की पूजा की जाती है। शरदीय नवरात्रि के साथ ही भगवान राम के जीवन की कथा कहने वालीं रामलीलाएं भी शुरू हो जाएंगी।
देवी के नौं स्वरुपों की होती है पूजा
ऐसी मान्यता है कि अगर सच्चे मन से मां की पूजा की जाए तो मां अपने भक्तों की सारी मनोकामना पूरी करती हैं। देवी के नौ स्वरूपों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धदात्री की पूजा की जाती है। 9 दिनों तक व्रत रखने के बाद विजय दशमी के दिन व्रत खोलते हैं।
इस बार बन रहे हैं ये भुजंग योग
इस बार नवरात्रि में आठ दिन की होगी, इन दिनों नवरात्रि में राजयोग, द्विपुष्कर योग, सिद्धियोग, सर्वार्थसिद्धि योग, सिद्धियोग और अमृत योग के संयोग बन रहे हैं। इन विशेष योगों में की गई खरीदारी अत्यधिक शुभ और फलदायी रहती है। इस बार के नवरात्र इसलिए और भी विशिष्ट होंगे, क्योंकि इनका शुभारंभ चित्रा नक्षत्र में हो रहा है। वहीं महानवमी का आगमन श्रवण नक्षत्र में होगा, इस दिन ध्वज योग है। इस बार नवरात्रि शुभ संयोगों के साथ-साथ लाभकारी भी साबित होगी, साधकों की सभी इच्छाएं जल्द पूरी होंगी