स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन से जुड़ा रहना अत्यंत आवश्यक
भास्कर समाचार सेवा
रुड़की। आनंद स्वरुप आर्य सरस्वती विद्या मंदिर में 84 बटालियन रुड़की के एनसीसी कैडेटों ने स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस एवं नैशनल यूथ डे के अवसर पर ऑनलाईन कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त एनसीसी कैडेटों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह, उपप्रधानाचार्य मोहन सिंह मटियानी एवं उपप्रधानाचार्य प्रशासन कलीराम भट्ट की ओर से स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्प अर्पित व दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
एनसीसी कैडेट वैष्णवी शांडिल्य, सृष्टि सिंह, कोशी मलिक, आयुषी, अंडर आफिसर अंश थपलियाल, विवेक कौशिक ने स्वामी विवेकानंद के विचारों, कार्यों और आदर्शों की अमिट छाप को डिबेट के माध्यम से कार्यक्रम में उपस्थित समस्त कैडेटों से साझा किया। प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने जो कार्य राष्ट्र के लिए किये है, वह अमूल्य है। उन्होने अपने धर्म एवं संस्कृति के प्रति हमारे आत्मविश्वास को पुर्नस्थापित किया। उन्होने भारत को विश्व के आध्यात्मिकीकरण के अपने उद्देश्य को पुर्नस्मरण कराया। 84 बटालियन के कार्यवाहक कमान अधिकारी लेफ्टि कर्नल भरत क्षेत्री एवं विवेक कुमार पांडेय ने अपने संबोधन में कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने ‘नर सेवा नारायण सेवा’ का मंत्र देकर 11 सितंबर 1983 को शिकागो में आयोजित विश्वधर्म सम्मेलन में अपने प्रथम संबोधन में ही श्रोताओं के हृदय को स्पंदित कर दिया और विश्व बंधुत्व की भावना को जन-जन तक पहुंचाया। आज जबकि राष्ट्र अपनी अस्मिता के संकट से जूझ रहा है और भारत की जनता अपने पूर्वजों की विरासत, संस्कृति एवं संस्कारों से अनभिज्ञ सी दिखाई पड़ती है। ऐसी स्थिति में स्वामी जी के जीवन दर्शन से जुड़ा रहना अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम में आशुतोष कुमार शर्मा, जसवीर सिंह पुंडीर, लेफ्टि. विशाल शर्मा, एनसीसी अधिकारी टीओ नीरज नौटियाल, 84 बटालियन के कार्यालय अधीक्षक ट्रैनिंग रवि कपूर मौजूद रहे।