वाराणसी। आजकल फर्जीवाड़े मामले थम नहीं रहे है. बल्कि दिन पर दिन और बढ़ता ही जा रहा है। जिसे लेकर पुलिस काफी छानबीन करती रहती है. बता दें NEET फर्जीवाड़े मामले में फरार चल रहे सॉल्वर गैंग के सदस्य व इनामी डॉ. अफरोज अहमद को सर्विलांस सेल व सारनाथ पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चला गिरफ्तार कर लिया. इनामी डॉ. अफरोज की गिरफ्तारी सोमवार देर रात को सिंहपुर बाईपास से हुई. वहीं, आरोपी के पास से पुलिस को NEET परीक्षा में सम्मिलित अभ्यर्थी के मूल शैक्षणिक दस्तावेज भी मिले हैं।
आरोपी बलरामपुर का मूल निवासी
बताया जा रहा है कि इस NEET गैंग के विरुद्ध थाना सारनाथ में पंजीकृत 3 मुकदमे (1) मु०अ०सं० 405/21 धारा 419/ 420/ 467/ 468/ 471/ 34 IPC, (2) मु०अ०सं० 519/21 धारा 419/ 420/ 467/ 468/ 471/ 34/ 504/ 506 IPC और (3)14/22 धारा 406/ 419/ 420/ 467/ 468/ 471/ 34 IPC थाने में वांछित व पुरस्कार घोषित अभियुक्त डॉ. अफरोज अहमद पुत्र सलाउद्दीन खान निवासी नई बाजार पुरवा थाना तुलसीपुर जनपद बलरामपुर मूल निवासी- ग्राम नचौरी, थाना गैंसड़ी, बलरामपुर, मौजूदा पता फ्लैट नंबर -305 गुडलक स्क्वायर अपार्टमेंट, कैसरबाग लखनऊ का रहने वाला बताया जा रहा है।
आरोपी ने खोला राज
वहीं, पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वो 2010-11 के सत्र में कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन लिया था और सत्र 2017-18 में पास आउट हुआ था. इसके अलावा 2019 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से मेडिकल ऑफिसर के पद पर उसका चयन हुआ था. वर्तमान में लखनऊ के दाउदनगर पीएचसी एवं मोहनलालगंज सीएचसी में बतौर चिकित्सा अधिकारी कार्यरत था तो वहीं, 2020 में डॉ. शिफा खान से उसका निकाह हुआ था जो कि लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में कार्यरत थी।
जानकारी के मुताबिक डॉ. ओसामा और नीलेश उर्फ पीके आदि से 2018-19 में उसका लखनऊ में संपर्क हुआ था. 2021 में नीट परीक्षा में चार कैंडिडेट्स को बैठाकर पास कराया था. इधर, 12 सितम्बर, 2021 को नीट परीक्षा वाले दिन सॉल्वर जुली और गैंग के अन्य मेंबर के पकड़े जाने पर वो नेपाल भाग गया था. बाद में हिमांचल प्रदेश, दिल्ली व अपने ससुराल अमेठी में स्थान बदल-बदल कर छिप कर रह रहा था और हाईकोर्ट से एंटीसिपेटरी बेल पाने का प्रयास कर रहा था. लेकिन आखिरकार पुलिस ने उसे दबोच लिया।
अज्ञात व्यक्ति ने की शिकायत
पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि एमबीबीएस में चयन सीपीएमटी परीक्षा के माध्यम से 2010 में हुआ था, काउंसलिंग के समय ही अज्ञात व्यक्ति की ओर से शिकायत की गई कि उसका सिलेक्शन फर्जी तरीके से सॉल्वर बैठाकर हुआ है. जिस पर जांच के बाद थाना स्वरूपनगर कानपुर नगर में मुकदमा दर्ज हुआ था. इसी शिकायत और मुकदमे की जांच के कारण उसकी इंटर्नशिप रुक गई थी. बाद में 2017 में मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लग जाने के बाद इंटर्नशिप पूरी हुई थी।
पूछताछ में जुटी पुलिस
वहीं पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि अभियुक्त के विरुद्ध दर्ज अन्य मुकदमों के बारे में जानकारी ली जा रही है और पूछताछ में सामने आए तथ्य को विवेचना में सम्मिलित कर अन्य शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. अभियुक्त को वास्ते न्यायिक अभिरक्षा माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर जिला कारागार रवाना किया जाएगा।