निशिकांत दुबे के बयान पर घमासान! ओवैसी बोले- सुप्रीम कोर्ट को धमकी दे रही भाजपा

Nishikant Dubey : भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की ओर से सुप्रीम कोर्ट एवं भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना पर की गई विवादास्पद टिप्पणियों ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। इस पर विपक्षी दलों ने भाजपा से तीखे सवाल पूछे हैं और आलोचना की है। वहीं, भाजपा ने अपने सांसदों के बयानों से खुद को अलग करते हुए उनकी टिप्पणी को खारिज किया।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा सांसद दुबे पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के सांसद न्यायपालिका को धार्मिक युद्ध की धमकी देकर अपने कट्टरपंथी विचारों को उजागर कर रहे हैं। ओवैसी ने संदर्भित किया कि सुप्रीम कोर्ट के अनुच्छेद 142 का हवाला देते हुए यह दर्शाता है कि कोर्ट को पूर्ण न्याय देने का अधिकार है। उन्होंने भाजपा का मजाक उड़ाते हुए पूछा कि क्या इस सन्दर्भ में उन्हें अनुच्छेद 142 की जानकारी है।

सुप्रीम कोर्ट पर दुबे ने जो आरोप लगाए थे, उनमें यह कहा गया कि अदालत धार्मिक युद्धों को भड़का रही है और यदि कोर्ट को कानून बनाना है, तो संसद को बंद कर देना चाहिए। उनका यह भी कहना था कि राष्ट्रपति को निर्देशित करना गलत है और अगर यह स्थिति बनी रहेंगी, तो देश अराजकता की ओर बढ़ जाएगा।

दूसरी ओर, भाजपा ने अपने सांसदों की टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया है और कहा है कि यह बयानों से प्रभावित नहीं है। पार्टी ने सांसदों को भविष्य में इस तरह की टिप्पणियां करने से बचने की सलाह दी है।

भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि किसी को भी राष्ट्रपति को चुनौती देने का अधिकार नहीं है, क्योंकि वह सर्वोच्च है। उनका कहना था कि संविधान में विधायिका और न्यायपालिका के अधिकार स्पष्ट रूप से delineate किए गए हैं।

इस घटनाक्रम ने राजनीतिक दृष्टिकोण से एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, और अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि इस विवाद का आगे क्या परिणाम निकलता है।

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