:पटना : बिहार में मुख्यमंत्री का पद जल्द ही खाली होने वाला है इसपर बिहार में एनडीए के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर चल रही घमासान के बीच केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में बयान देकर राजनीति को गरमा दिया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ना चाहते हैं। हालांकि उन्होंने साफ किया कि वे नीतीश कुमार के इस्तीफे को लेकर मांग नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मैं कोई राजनीति नहीं कर रहा हूं और न ही सीएम पर कोई व्यंग्यात्मक टिप्पणी। लेकिन सीएम ने खुद बताया था कि वह 2020 के बाद पद पर नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जितने अच्छे से उपेंद्र कुशवाहा जानता है, उतना कोई नहीं जानता है। और जितने अच्छे से नीतीश कुमार हमें जानते हैं, उतना हमें कोई नहीं जानता।
कुशवाहा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने मुझसे एक बार कहा था कि कितना साल बिहार के मुख्यमंत्री रहेंगे। 15 साल का कार्यकाल बहुत हो रहा है। अब लगभग स्थान खाली होने वाला है। इस रूप में नीतीश कुमार ने अपनी भावना को साझा किया था। अब नीतीश कुमार के मन की इच्छा पूरी हो चुकी है। लेकिन मेरी बातों का गलत मतलब निकाला जाता है। कहा जाता है कि उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा है। पर ऐसा नहीं है।
वहीं जद(यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कुशवाहा के दावे को खारिज करते हुए कहा कि नीतीश कुमार विधायिका और विधायकों की पसंद के आधार पर मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि कुशवाहा ने कई बार कहा कि उनकी बातों का गलत अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए कि वह सीएम से इस्तीफा नहीं मांग रहे हैं।
कुशवाहा की बातों से साफ लग रहा है कि वह एनडीए में ही बने रहेंगे। साथ ही लोकसभा में अपनी सीटों की कटौती को बिहार की सत्ता में भागीदारी से पूरा करेंगे।
सीट बंटवारे को लेकर फंसा है पेंच
कुशवाहा ने मंगलवार को लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष राम विलास पासवान से मुलाकात की थी और दोनों ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए बिहार में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत की थी। इससे पहले उन्होंने भाजपा महासचिव भूपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की थी लेकिन कोई संतोषजनक नतीजा नहीं निकला। पिछले सप्ताह तेजस्वी यादव से मुलाकात थी।
कुशवाहा का कहना है कि वह बिहार में सम्मानजनक सीटें चाहते हैं। उन्होंने साफ किया कि अभी तक सीटों को लेकर कोई नतीजा नहीं निकला है लेकिन संकेत दिए हैं कि वह एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे।
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 30, लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) सात और आरएसएलपी तीन सीटों पर चुनाव लड़ाी थी जिसमें भाजपा ने 22, एलजेपी ने छह और आरएसएलपी ने सभी तीनों जीतों पर विजय हासिल की थी। पिछले सप्ताह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने घोषणा की थी कि भाजपा और जद (यू) राज्य में समान सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।