21 में फिर होगी महापंचायत
भास्कर समाचार सेवा
सहारनपुर। जिले के कस्बा गागलहेड़ी में स्थित दया शुगर मिल में किसानों का आंदोलन 11वे दिन भी जारी रहा। किसानो द्वारा बुलाई गयी महापंचायत में मिल प्रबंधन और किसानों के बीच जिला गन्ना अधिकारी ने समझौता कराने का प्रयास किया पर मिल प्रबंधन द्वारा दिये गए प्रस्तावों किसानों ने न मंजूर कर धरने को इसी प्रकार जारी रखने की घोषणा कर दी। मिल ने किसानों का पिछला भुगतान आगामी पैराई सत्र में करने की बात कही जिसको किसानों ने साफ मना कर दिया। किसानों ने मिल प्रबंधन की जिला गन्ना अधिकारी को उनके साथ धरणे के दौरान हुए अपमान जनक व्यवहार की शिकायत की। जिस पर गन्ना अधिकारी मिल प्रबंधन पर नाराज दिखाई दिये। कस्बा गागलहेड़ी स्थित दया शुगर मिल परिसर में बकाया भुगतान को लेकर किसानों का धरना प्रदर्शन ग्यारवे दिन भी जारी रहा है। दया शुगर मिल में किसान धरणा प्रदर्शन पर किसान महापंचायत बुलाई गई जिसमे किसानों और दया शुगर मिल प्रबंधन में सभी पदाधिकारी मौजूद रहे और किसानों और मील प्रबंधन की मध्यस्थता जिला गन्ना अधिकारी डॉ राकेश धर द्विवेदी ने की। किसान महापंचायत में सभा की अध्यक्षता कालूराम त्यागी ने की तथा संचालन भगत सिंह ने किया। धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार ने कहा है कि यदि किसानों का संपूर्ण बकाया भुगतान नहीं होता है। तब तक किसान धरना प्रदर्शन को जारी रखेंगे इस दौरान किसानों की महापंचायत में जिला गन्ना अधिकारी किसानों के बीच पहुंचे और प्रदेश उपाध्यक्ष विनय कुमार व अन्य यूनियन के पदाधिकरियों ने किसानों की समस्या सुनकर मिल प्रबंधन से वार्ता की।प्रदेश उपाध्यक्ष विनय कुमार मिल प्रबंधन के प्रस्तावों को मानने की बात यूनियन में 5 सदस्यों की कमेटी से की परंतु कमेटी में मिल प्रबंधन द्वारा दिये गए प्रस्ताव उन्होने कहा की पिछले सत्र का 59 करोड़ जो बकाया है उसके बारे में मिल प्रबंधन ने बताया है कि 25 अक्टूबर तक 19 करोड़ का भुगतान किया जाएगा और बाकी का 40 करोड़ का भुगतान किसानों के खाते में दिसम्बर तक भेज दिया जाएगा।इस पर यूनियन जिला अध्यक्ष चौधरी राजपाल सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा कि इस पर किसान किसी भी कीमत पर सहमत नहीं है। नए सत्र का भुगतान 14 दिन में होना चाहिए। तभी मिल को आगामी सत्र में गन्ना दिया जाएगा अन्यथा आंदोलन शुगर मिल में ऐसे ही जारी रहेगा। इस दौरान मिल प्रबंधन और किसानों के बीच की वार्ता विफल रहने पर किसानो ने 21 अक्टूबर को दोबारा महापंचायत आयोजित करने की घोषणा की है। डीसीओ डॉ राकेश धर द्विवेदी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा की मिल के आश्वासन झूठे है-जिला गन्ना अधिकारी ने मिल प्रबंधन और किसानों की मध्यस्ता करते हुए कहा कि
इस धरने के पिछले ढाई महीने पहले एक पंचायत हुई थी उस पंचायत मैं ही किसानों और दया शुगर मिल प्रबंधन की मध्यस्ता कर रहा था, तब एक 5 सदस्यों की कमेटी गठित की गई थी। मिल ने बकाया 40 करोड़ के भुगतान को 20-20 करोड़ करके करने को कहा था पर मिल उस आश्वाशन पर खरा नही उतरा 24 सितंबर को मिल ने 40 में से केवल 16 करोड़ 50 लाख का ही भुगतान किया। हर बार चीनी मिल अपने आश्वाशन पर खरी नही उतरती है। अब मिल के पास 59 करोड़ में से 16 करोड़ की चीनी बची है और तीन करोड़ ओर केवल 19 करोड़ का ही भुगतान ही दे सकेगा। 1 मार्च से 5 मार्च तक का 5 करोड़ का भुगतान आज ही किसानों के खातों में भेज दिया गया है। चीनी मिल ने बकाया भुगतान दिसम्बर तक करने का आश्वासन आगे दिया है देखते है मिल इस आश्वासन पर खरी उतरती है या नही।
उन्होंने मिल के वाइस चेयरमैन अरुण भाटी को भी फटकार लगाते हुए कहा कि मिल प्रबंधन को किसानों का सम्मान करना चाहिए। आपके द्वारा किसानों से की गई अपमान जनक व्यवहार की कई शिकायतें मेरे समक्ष आई है। अगली बार कोई शिकायत आई तो माफ नही करूँगा।
तहसील अध्यक्ष अनूप कुमार ने मिल प्रबंधन द्वारा दिये गए प्रस्ताव को ठुकराया
तहसील अध्यक्ष ने मेल द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर कहा की। किसान के बच्चे जब बीमार हो जाते हैं तो किसान ब्याज पर पैसे उठाकर या अपना घर बेच कर उसका इलाज कराता है। फसल बीमार होने पर किसान दवाई उधार उठाकर अपने खेत में लगाता है। जिसका वह ब्याज सहित अपना कर्ज अदा करता है। उसके बच्चो की स्कूल की फीस भी समय पर नही दी जाती। किसान अपना गन्ना दे रहा है तो उसके पैसे भी 14 दिन के अंतराल पर उसे मिलने चाहिए यदि मिल प्रबंधन 14 दिन के भुगतान देने के लिखित आश्वासन पर हस्ताक्षर कर किसानों को देता है तो ठीक वरना धरना इसी प्रकार चलता रहेगा। मिल का 40 करोड़ का भुगतान यदि बकाया रहेगा और मिल के इस वर्ष के पैराई सत्र के शुरू होने में कम से कम 7 दिन के समय मे चीनी का उत्पादन शुरू होता है और उत्पादन शुरू करने के 14 दिन बाद से यदि भुगतान की प्रक्रिया को शुरू करेगा तो यह मंजूर नही होगा क्योकि मिल रोजाना करीब एक करोड़ का आंकलन किया जाए तो एक सप्ताह के 7 करोड़ का भुगतान का भुगतान मिल किसानों को देकर फिर 40 करोड़ का भुगतान रोके रखेगा। मिल का यह प्रस्ताव किसानों को मंजूर नही है। इस दौरान जब गन्ना अधिकारी से मामले पर वार्ता की गई तो पूछे गए सवालों के जवाब देने में गन्ना अधिकारी विफल रहे। मिल के उपाध्यक्ष अरुण भाटी ने बताया कि किसानों के धरना प्रदर्शन से मिल कर कई कार्यो में बाधा आ रही है। हालाकि इस किसान आंदोलन और मिल प्रबंधन के बीच अच्छा सहयोग व तालमेल चल रहा है।आगामी पैराई सत्र में 14 दिनों के बाद भी समय से नही हो पायेगा भुगतान। मिल उपाध्यक्ष ने जिला गन्ना अधिकारी के समक्ष बैठकर वार्ता के दौरान बताया कि आगमी पैराई सत्र में दया शुगर मिल किसानों से जो गन्ना खरीदेगी उसका भुगतान समय से 14 दिनों के अंतराल पर नही हो पायेगा। क्योकि मिल पिछले पैराई सत्र का कर्ज उतारने में सक्षम नही है। जैसे तैसे करके मिल पिछले पैराई सत्र के ही भुगतान इस पैराई सत्र के बाद कुछ समय के अंतराल पर थोड़ा थोड़ा करती रहेगी।
धरने के दौरान चौधरी अशोक कुमार मास्टर रघुवीर सिंह चौधरी चौधरी योगेंद्र सिंह वीर सिंह नरेश यादव रणवीर सुखबीर बबलू चौधरी धर्मवीर चौधरी अमित खारी प्रधान कमलेश निर्भय फौजी ललित कुमार मास्टर अमर सिंह आदि ने धरणा प्रदर्शन को संबोधित किया।