नयी दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए केन्द्रीय पुलिस बल के जवानों को दिल्ली-श्रीनगर, श्रीनगर-दिल्ली, जम्मू-श्रीनगर और श्रीनगर-जम्मू सेक्टरों में हवाई मार्ग से यात्रा की मंजूरी दे दी है।
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यहां यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब केन्द्रीय पुलिस बलों के जवान भी हवाई मार्ग से यात्रा करने के पात्र होंगे।
केन्द्रीय पुलिस बलों के 78 हजार कर्मियों को तुरंत होगा फायदा
गत 14 फरवरी को श्रीनगर के निकट पुलवामा में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले की एक बस पर आतंकवादी हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद इन जवानों के सड़क मार्ग से यात्रा को लेकर सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा था। श्री सिंह ने कहा कि इस निर्णय से सिपाही, हेड कांस्टेबल और सहायक उप-निरीक्षक पद पर तैनात केन्द्रीय पुलिस बलों के 78 हजार कर्मियों को तुरंत फायदा मिलेगा। इस पद पर तैनात कर्मचारियों को पहले हवाई मार्ग से यात्रा करने की मंजूरी नहीं थी। यह मंजूरी ड्यूटी के साथ-साथ अवकाश पर आने-जाने के लिए भी दी गयी है।
पहले वित्तीय कारणों से नहीं मिली थी मंजूरी
कश्मीर में तैनात अर्ध सैन्य बलों के आने-जाने के लिए 1 जनवरी 2018 को दिल्ली-श्रीनगर हवाई सेवा शुरू की गई थी, लेकिन 31 जुलाई 2018 को इसे बंद कर दिया गया। हैरानी की बात यह है कि 1 जनवरी से हवाई सुविधा शुरू करने के आदेश की चिट्ठी 11 अप्रैल को जारी की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, अर्ध सैन्य बलों के जवानों के लिए दोबारा हवाई सेवा शुरू करने का प्रस्ताव चार महीने से गृह मंत्रालय में लंबित था। इसे वित्तीय कारणों से मंजूरी नहीं मिली है। हालांकि, जम्मू से श्रीनगर जाते समय रोड ओपनिंग और सुरक्षा प्रबंधों का खर्च भी कम नहीं है।
सीआरपीएफ ने 4 फरवरी को हवाई मार्ग से श्रीनगर जाने की मंजूरी मांगी थी
4 फरवरी से बर्फबारी के कारण जम्मू में फंसे सीआरपीएफ के जवानों को भी हवाई मार्ग से श्रीनगर पहुंचने की मंजूरी मांगी गई थी। सीआरपीएफ के अधिकारियों ने इसका प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा था। मुख्यालय ने यह प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेज दिया था। लेकिन, कोई जवाब न आने पर सीआरपीएफ का काफिला 14 फरवरी को सुबह साढ़े तीन बजे जम्मू से श्रीनगर के लिए रवाना हो गया। दोपहर बाद 3:15 बजे आतंकी हमला हो गया।
10 अप्रैल को दे सकते हैं प्रैक्टिकल परीक्षा
इस बीच सीबीएसई ने कहा कि 10वीं और 12वीं की परीक्षा दे रहे बच्चे चाहें तो अपने शहर में परीक्षा केंद्र और परीक्षा का शहर बदल सकते हैं। साथ ही अगर किसी वजह से वे परीक्षा और प्रेक्टिकल नहीं दे पाए हैं तो उन छात्रों के लिए 10 अप्रैल को स्कूलों में फिर से प्रेक्टिकल परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। अगर कोई छात्र किसी सब्जेक्ट का पेपर बाद में देना चाहता है तो इसकी भी अनुमति दी गई है। इसके लिए छात्र को इसकी सूचना स्कूल के जरिए 28 फरवरी तक देनी होगी।