नई दिल्ली। नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन चुन लिया गया है। वह दिवंगत रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। बुधवार को रतन टाटा निधन हुआ था। जिसके बाद शुक्रवार को नोएल टाटा को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। आज शुक्रवार को मुंबई में एक बैठक हुई थी, जिसमें रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन बना दिया गया है। बैठक में ये फैसला सभी की सहमति के साथ लिया गया है। इसके तहत नोएल को टाटा समूह के दो सबसे महत्वपूर्ण धर्मार्थ संस्थाओं सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट का प्रमुख नियुक्त किया गया है।
मौजूदा समय में वे सर रतन टाटा ट्रस्ट (Sir Ratan Tata Trusts) और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (Sir Dorabji Tata Trust) के ट्रस्टी हैं जो टाटा ट्रस्ट के अंदर ही आता है। ये ट्रस्ट टाटा समूह की परोपकार से जुड़ी गतिविधियों को तो मैनेज करती ही है।
बता दें कि, टाटा ट्रस्ट को बनाने में सर रतन टाटा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी TATA Sons में टाटा ट्रस्ट की एक बड़ी हिस्सेदारी है। जानकारी के मुताबिक, TATA Sons में टाटा ट्रस्ट की 66 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा आपको बता दें कि, टाटा ट्रस्ट के तहत ही Tata group संचालित है।
नोएल का टाटा के कई कंपनी में अहम भूमिका
नोएल टाटा ट्रस्ट में भी ट्रस्टी के तौर पर भी शामिल थे। वे बीते कुछ सालों से टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के चेयरमैन भी हैं। इसके अलावा टाटा ग्रुप के साथ उनका चार दशकों का लंबा इतिहास रहा है। नोएल ट्रेंट, वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन जैसी कंपनियों के चेयरमैंन भी हैं। इसके अलावा वे टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं। वहीं, टाटा इकोसिस्टम के साथ उनके संबंध अच्छे हैं।
टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर उन्होंने 2010 से 2021 तक कंपनी के राजस्व को 500 मिलियन डॉलर से 3 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। साल 1998 में ट्रेंट लिमिटेड कंपनी का केवल एक सिंगल रिटेल स्टोर था। लेकिन अब उनके लीडरशिप के अंदर पूरे भारत में 700 से ज्यादा स्टोर्स मौजूद हैं।