योगेश श्रीवास्तव
लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में तैयार हो रहा विपक्षी दलों का गठबंधन भाजपा के लिए किरकिरी बना हुआ है। भाजपा ने इस गठबंधन की गांठ खुलवाने के लिए सपा के बागी नेता अमर सिंह को खोज निकाला। राजधानी लखनऊ में रविवार को आयोजित ब्रेकिंग सिरेमनी कार्यक्रम में जहां एक ओर मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूद थे वहीं इस आयोजन में अमर सिंह की मौजूदगी ने सत्ता के गलियारे में एक नयी बहस छोड़ दी है।
यूपी में भाजपा इस महागठबंधन को लेकर खासी चिंतित है। क्योंकि जातीय गणित के अनुसार इस गठबंधन का पलड़ा भारी है। इसीलिए वह इस गठबंधन को तोडऩे के लिए हर हर उपाय कर रही है। इसी कड़ी में कभी सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की आंख के काजल रहे अमर सिंह को अपने पाले में लाकर खडा कर लिया। इतना ही नहीं अमर सिंह को आज एक आयोजन में शामिल कराके विरोधियों को यह अहसास करा दिया कि विपक्षी एकता को तहस नहस करने के लिए हमने एक विभीषण को खोज निकाला। क्योंकि अमर सिंह ने अपनी राजनीति की शुरुआत सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की उंगली पकड़ कर की। लेकिन पार्टी में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कद बढऩे के साथ ही अमर सिंह का बद कम हो गया। इसीलिए वह इधर बीच सपा के खिलाफ आग उगलने के साथ ही विपक्षी दलो द्वारा तैयार हो रहे गठबंधन पर भी हमला बोल रहे थे।
इसका फायदा उठाकर भाजपा अब अमर सिंह के जरिये गठबंधन पर सीधा हमला बोलेगी और वह स्वयं इसकी वकालत करेंगे। क्योंकि इधर बीच अमर सिंह भी पीएम मोदी की तारीफ करने लगे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज राजधानी लखनऊ में आयोजित ब्रेङ्क्षकग सिरेमनी कार्यक्रम में आए हुए थे। साथ ही इस आयोजन में देश भर के नामचीन उद्योग पति भी मौजूद रहे। इसी कार्यक्रम में सपा सांसद अमर सिंह को भाजपा ने पेश कर दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने देश भर से आये उद्योगपतियों की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि देश में निर्माण में इनका अहम योगदान है।
वहीं उन्हें चेताने का काम किया कि जो भी गलत करेगा वह जेल जायेगा या फिर उसे देश छोड़कर भाग जायेगा। इसके साथ ही विरोधी दलों पर वार करने से पीएम नहीं चूके कहा कि पूर्व में उद्योगपतियों से पर्दे के पीछे खुब मुलाकात होती थी। उनके साथ हवाई यात्राएं भी खुब होती थी।
लेकिन पर्दे पर उनकी आलोचना की जजाती थी। इन उघोगपतियों के साथ फोटो खिचवाने में भी परहेज किया जाता था पर इस सरकार में ऐसा नहीं होगा। इसका मतलब साफ है कि सपा बसपा सरकार में उद्योगपतियों को लेकर जो किया जाता था उसकी पूरी जानकारी अमर सिंह ने भाजपा से शेयर कर ली। इसके साथ ही भाजपा अमर सिंह से सपा का कच्चा चिठ्ठïा जानकर फिर सपा पर प्रहार करेगी।
क्योंकि अमर सिंह ने सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव की उंगली पकड़ कर ही राजनीति का ककहरा सीखा। इसके बदले में उन्होंने सपा की पूरे देश में ब्राण्डिंग करने का काम किया। आर्थिक रूप से भी सपा को मजबूत करने का काम किया। इससे सपा को काफी शोहरत मिली और इसके बदले में पार्टी ने भी उन्हें सम्मान देने का काम किया। कभी सपा में अमर सिंह की हैसियत थिंग टेैंक में खास हुआ करती थी।
लेकिन सपा का नेतृत्व अखिलेश यादव के हाथो में आने के बाद अमर सिंह का कद कम होने लगा। इसके बावजूद मुलायम के कहने पर अमर सिंह को कुछ माह पहले ही राज्यसभा के लिए मनोनीति किया गया। लेकिन अब सपा उनके लिए किरकिरी बन गयी है जिसका बदला वह भाजपा की गोद में बैठ कर लेने जा रहे हैं। इससे विपक्षी दलों का बनने वाला गठबंधन की मजबूती पर असर पड़ सकता हैे। वहीं भाजपा अमर सिंह को अपने पाले में लाकर सपा के साथ बसपा को कमजोर करने का काम करेगी। क्योंकि यूपी में सपा एवं बसपा दोनों ही सरकारों को अमर सिंह ने बड़े ही करीब से देखा है।