अमेरिका निर्मित आधुनिक तकनीक और मारक क्षमता वाले आठ और अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर मंगलवार सुबह भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गए। इससे पहले बीते 27 जुलाई को चार हेलीकॉप्टर भारत को मिले थे।
इससे पूर्व पठानकोट एयरबेस पर मंगलवार सुबह ‘पूजा’ समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ और वेस्टर्न एयर कमांडर एयर मार्शल आर. नांबियार प्रमुख रूप से शामिल हुए। इस दौरान नारियल फोड़कर पारंपरिक तरीके से ‘अपाचे’ का वायुसेना में स्वागत किया गया। अपाचे हेलीकॉप्टरों को पठानकोट एयर बेस में शामिल करने से पहले वाटर कैनन की सलामी भी दी गई।
अपाचे की तैनाती से भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ गई है। एयरफोर्स में अपाचे की तैनाती ऐसे समय की गई, जब एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने बयान दिया है कि हम 40 साल पुराने फाइटर उड़ा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका निर्मित अपाचे हेलीकॉप्टर एएच-64ई दुनिया का सबसे एडवांस मल्टी रोल कॉम्बेट हेलीकॉप्टर है। भारत और अमेरिका के बीच सितंबर,2015 में हुई डील के तहत 22 हेलीकॉप्टर भारत को मिलने हैं। बीते 27 जुलाई को चार हेलीकॉप्टर भारत को मिल चुके हैं और अब आज आठ और हेलीकॉप्टरों को भारतीय वायुसने का बेड़े में शामिल किया गया। इससे पाकिस्तान और चीन की हरकतों पर नजर रखने में आसानी होगी। इनमें 11 हेलीकॉप्टर पाकिस्तान सीमा से सटे पठानकोट और 11 चीन सीमा से लगते असम के जोरहाट में तैनात होंगे।
ये है खासियत
60 फुट ऊंचे और 50 फुट चौड़े अपाचे हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए दो पायलटों की जरूरत होगी। अपाचे के बड़े विंग को चलाने के लिए इसमें दो इंजन हैं, जिससे इसकी रफ्तार काफी ज्यादा होती है। दो सीटर इस हेलीकॉप्टर में हेलीफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलें लगी हैं। इसमें एक सेंसर भी है, जिसकी वजह से अपाचे रातमें भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है। अपाचे को उसके डिजाइन और स्पीड के कारण रडार पर पकड़ना मुश्किल है। हेलीकॉप्टर की अधिकतम स्पीड 280 किलोमीटर प्रतिघंटा है। मिलीमीटर वेव रडार की सुविधा से लैस अपाचे लेजर गाइडेड हेलफायर मिसाइल, हाइड्रा-70 एंटी ऑर्मर रॉकेट और 30 मिमी गन से दुश्मनों को तबाह करने की क्षमता रखता है। अपाचे हेलीकॉप्टर थर्मल इमेजिंग सेंसर का इस्तेमाल कर छिपे आतंकवादियों का भी पता लगा सकता है और आतंकियों से अपनी 30एमएम गन या एंटी पर्सनल रॉकेट्स से निपट सकता है।