
- चौकीदारो की रात मे सुनाई देने रोबीले आवाज पर लगा ग्रहण
- न टार्च का फोकस न जागते रहो…की बांग कैसे रुकेगा अपराध साहब ?
जरवल/बहराइच। क्या आप जानते हैं की पुलिस के चौकीदारों को पगार के रूप में मिलने वाली हर महीने की पगार कितनी है ? अपराधों के बढ़ते हुए ग्राफ की क्या वजह है ? नहीं पर हकीकत यह है की प्रत्येक मां मिलने वाले पगार चौकीदारों को मात्र ₹2500 मासिक मिलती हैं वह बेताब जब मन में चार-पांच दिन पुलिस चौकी व थाने पर हाजिरी लगाने पड़ती है।
यही कारण है कि अब इलाकों में चौकीदारों के जागते रहो की रोविली आवाज सुनाई ही नही पड़ती। सूत्रों के माने तो जो काम पुलिस के चौकीदारों से हो जाता था आज वही काम मुखबिरों ने अपने सर ले लिया है जिससे अपराधों का ग्राफ धीरे-धीरे काफी बढ़ता गया है। सूत्रों के माने तो वर्ष 2023 में चौकीदारों के थाने से टार्च दिए गए थे। रही बात जाड़े के कंबलों के तो वर्ष 2025 में मात्र पुलिस में रस्मअदायगी के शिवा कुछ भी नहीं रही बात जूते की 2 वर्ष 2024 में चौकीदारों को जूता मिले थे पग्गड़ कब मिलता है राम ही जाने।
वैसे सूत्रों की माने तो चौकीदारों की पगार बढ़ाने की उम्मीद वर्ष 2023 से जागी थी वह भी खटाई में पड़ी हुई है।कब चौकीदारो की पगार बढ़ेगी एक बड़ा सवाल को जन्म दे रहा है। जबकि अपराधों पर नियंत्रण रखने वाले पुलिस के चौकीदारों के मां की बात कौन सुने एक सवाल लोगो के जेहन में बार-बार उठ रहा है।
वैसे सच पूँछो तो केवल जरवल रोड़ थाने में मात्र 36 चौकीदारो की नियुक्ति यहाँ जरूर है पर उनकी पीड़ा न तो शासन समझ रहा हैं न प्रशासन जिससे आज के दौर मे कम पगार पर चौकीदारो को अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कर पाना एक टेढ़ी फिर से कम तो कतई नहीं हैं जिस ओर पुलिस प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।