कचहरी बम ब्लास्ट की 13वीं बरसी पर अधिवक्तओं ने दिवंगत अधिवक्ता साथियों को किया याद


भास्कर ब्यूरो वाराणसी। विगत 13 वर्ष पूर्व कचहरी परिसर में एक हृदय विदारक घटना घटित हुई जिसमें कई अधिवक्ताओं की जान चली गयी। बताते चले कि कचहरी परिसर में 13 वर्ष पूर्व हुए सिरियल बम ब्लास्ट में कई अधिवक्ताओं को अपनी जान गवानी पड़ी। सोमवार को इस घटना के 13वीं बरसी पर अधिवक्तओं ने दिवंगत अधिवक्ता साथियों को याद किया।

अधिवक्ताओं ने शहीद स्थल पर मोमबत्ती जलाकर और पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद अधिवक्ताओं को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान बनारस बार के पूर्व महामंत्री नित्यानन्द राय ने कहा कि जब तक कचहरी के गुनहगार पकड़ लिये नहीं जाते हम अधिवक्ताओ के कलेजे को ठंडक नहीं मिलेगी। हर साल की तरह इस साल भी पूर्व महामंत्री ने महामहिम राष्ट्रपति से लेकर स्थानीय जिला प्रशासन व भारत के मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री, हाईकोर्ट इलहाबाद के मुख्य न्यायाधीश को प्रत्यावेदन भेजा है और गुनहगारों को पकड़ने के लिये सीबीआई को जांच सौपने की मांग की है। बता दें कि नित्यानंद राय वर्ष 2007 जब कचहरी में बम ब्लास्ट हुआ था तब से लेकर आज तक बनारस कचहरी की सुरक्षा को लेकर हर फोरम पर आवाज उठाते रहे हैं।

ये उनके ही प्रयास का फल रहा कि बनारस कचहरी में सीसीटीवी कैमरे लग गये। कचहरी के चारों प्रवेश द्वार पर डीएमटी(डोर मेटल डिटेक्टर)लग गये. नयी और मजबूत चहारदीवारी बन गयी, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकि है। अधिवक्तागण के अनुसार 23 नवम्बर 2007 को बनारस कचहरी के दोनों कैम्पस दिवानी और कलेक्टरेट में दो जगह सिरियल बम ब्लास्ट हुआ था। जिसमें तीन वकीलों समेत नौ लोग मारे गये थे और पचासों लोग घायल हुये थे। तत्कालीन मायावती सरकार ने मामले के खुलासे के लिये एंटी टेररिस्ट स्कॉड एटीएस का गठन किया था। सुरक्षा के बड़े बड़े दावे किये गये, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

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