
भास्कर समाचार सेवा
हाथरस/सिकंदराराव। माह -ए – रमजान के आखिरी शुक्रवार को अलविदा जुमा की नमाज अदा की गई। कस्बा में पुरानी तहसील पर स्थित शाही जामा मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों पर अल्लाह की इबादत में हजारों रोजदारों के सिर झुके और मुल्क की बेहतरी एवं देश में अमन चैन की दुआएं मांगी गईं। अलविदा जुमा की नमाज के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। शासन द्वारा जारी की गई गाइड लाइन का पालन करते हुए इस बार अलविदा जुमा की नमाज सड़को पर नही पढ़ी गई।
पाक माह रमजान का आखिर जुमा शुक्रवार को जुमा अलविदा की नमाज शांति पूर्ण माहौल में अदा की गई। अलविदा जुमा की नमाज को लेकर पुलिस प्रशासन भी सतर्क नजर आया। जुमा अलविदा को लेकर बच्चों में खासा उत्साह दिखाई दिया। अलविदा जुमा की नमाज के लिए सुबह से ही बच्चे उत्साहित रहे। कस्बा में शाही जामा मस्जिद समेत अन्य मस्जिदो में भी अलविदा जुमा की नमाज अदा की गई। मस्जिदों में हजारों रोजदारों ने अल्लाह की इबादत में सिर झुका कर देश के अमन चैन एवं देश में फैली महामारी के खात्मे की दुआएं मांगी। इस बार धर्मगुरुओ ने शासन द्वारा जारी की गई गाइड लाइन का पालन करते हुए सड़को पर जुमा अलविदा की नमाज अदा नही कराई। अलविदा का अर्थ है किसी चीज का जाना या रुखसत होना। पाक माह रमजान के सबसे आखिरी जुमे को अलविदा के नाम से पुकारा जाता है, चूंकि उसके बाद कोई जुमा नहीं आता और सीधे ईद आती है। इसलिए आखिरी जुमे को पढ़ी जाने वाली नमाज अलविदा की नमाज कहलाती है। वैसे तो इस्लाम में हर जुमा की अहमियत है, पर रमजान का आखिरी जुमा होने के चलते यह खास हो जाता है। जुमा अलविदा की नमाज के साथ ही ईद का इंतजार बेकरारी में बदल गया। ईद के अवसर पर बाजार भी गुलजार हो गए हैं। मुस्लिम समाज के लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से मस्जिदों पर पुलिस एवं पीएसी बल तैनात रहा। पुलिस क्षेत्राधिकारी सुरेंद्र सिंह एवं कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह शाही जामा मस्जिद पर सुरक्षा व्यवस्था की कमान सँभाले हुए थे।