यात्रा में नजर नहीं आए सपा के विधायक और नेता
बंद जीप से नहीं उतरे सलमान और प्रमोद तिवारी
कुशाग्र पाण्डेय
कानपुर : राहुल गांधी की भारत जोड़ों न्याय यात्रा शहर के कांग्रेसियों का कद तय कर गई। दो किमी की यात्रा ने 48 मिनट में स्पष्ट कर दिया कि फिलवक्त शहर के दो चेहरे ही राहुल गांधी के करीब हैं। कांग्रेस के युवराज ने पूर्व विधायक अजय कपूर और लोकसभा टिकट के प्रबल दावेदार आलोक िमश्रा को अपनी जिप्सी पर सवार किया।
शेष कांग्रेसी धुरंधर अव्वल भीड़ से दूर छिटके रहे अथवा नियति को समझकर घर बैठना मुनासिब समझा। इसके साथ ही अहम बात यह भी दिखी कि यूपी में कांग्रेस की साझेदार सपा को कोई भी चेहरा नजर नहीं आया। गठबंधन का ऐलान हो चुका है, लेकिन सपा की बेरुखी से आहत कांग्रेसी चाहते हैं कि यूपी ही नहीं, संपूर्ण भारत में कांग्रेस को किसी के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए। पार्टी को अकेले दम पर लड़ना चाहिए।
होर्डिग्स युद्ध में आलोक चैंपियन, शरद और अजय भी डटे रहे
कानपुर में लोकसभा चुनाव के लिहाज से न्याय यात्रा सेमी फाइनल था। ऐसे में टिकट की दावेदारी में जुटे कांग्रेसियों ने होर्डिग्स युद्ध के जरिए ताकत का अहसास कराया। कल्याणपुर से विधानसभा चुनाव और पत्नी के चेहरे पर मेयर चुनाव हार चुके आलोक िमश्रा ने होर्डिग्स के मामले में सभी को पीछे छोड़ दिया। दूसरे नंबर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष शरद िमश्रा रहे। गोविंदनगर क्षेत्र से दो मर्तबा विधायक रहे अजय कपूर भी कमजोर नहीं दिखे। अलबत्ता राहुल के साथ नजदीकी दिखाने के मामले में अजय कपूर और आलोक िमश्रा अव्वल साबित हुए। राहुल गांधी ने अजय और आलोक को अपनी जिप्सी में साथ खड़े रखा। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और शहर कांग्रेस अध्यक्ष नौशाद आलम मंसूरी थे। तीन बार सांसद रहे श्रीप्रकाश जायसवाल स्वास्थ्य कारणों से नजर नहीं आए, जबकि भूधर नारायण मिश्र और संजीव दरियाबादी समेत कई पूर्व विधायक भीड़ से दूर खड़े दिखे।
अमिताभ और हसन रूमी ने परहेज बनाये रखा
एक तरफ सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दोपहर में कांग्रेस को सीतापुर तथा अमरोहा समेत 17 सीटों का ऑफर देते हुए गठबंधन की फांस को दूर कर दिया। कांग्रेस को भी यह ऑफर स्वीकार है। बावजूद सपा के स्थानीय विधायक अमिताभ बाजपेयी और मोहम्मद हसन रूमी ने राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल होने से परहेज किया। हसन रूमी कह चुके हैं कि किसी के साथ जबरदस्ती नहीं है, जिसे जहां ज्यादा तवज्जो मिलेगी, वह उधर ही जाएगा। दूसरी ओर, आर्यनगर क्षेत्र के विधायक अमिताभ बाजपेई कहते हैं कि कानपुर में यात्रा के पड़ाव के बाद गठबंधन का औपचारिक ऐलान हुआ है। ऐसे में यात्रा में शामिल होना न्यायसंगत नहीं था। अब गठबंधन हो गया है तो कल से कांग्रेस के साथ साइकिल वाले भी दौड़ेंगे।
गठबंधन से करो इंकार, अकेले लड़ो युवराज
सपा के संग गठबंधन में कानपुर में सिर्फ नगर की सीट कांग्रेस के खाते में गई है। अकबरपुर और बिल्हौर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली मिश्रिख सीट पर सपा की साइकिल दौड़ेगी। ऐसे में अकबरपुर क्षेत्र के साथ-साथ बिठूर, कल्याणपुर, शिवराजपुर, चौबेपुर और बिल्हौर समेत तमाम क्षेत्रों के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के चेहरे मुरझा गए हैं। न्याय यात्रा में तिरंगी साइकिल लेकर तिरंगे में लिपटे सरदार गुरमीत सिंह गांधी बोले कि अब गठूबंधन से तौबा करने का वक्त है। पिछले चुनाव में गठबंधन का नतीजा शून्य के रूप में सामने है। अब यूपी ही नहीं, बल्कि देश के किसी भी राज्य में कांग्रेस को गठबंधन के बजाय अकेले लड़ना चाहिए।