गोपाल त्रिपाठी
गोरखपुर। सूबे की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर मे बीस माह के भीतर अब तक चार एसएसपी बदले जा चुके हैं। कानून व्यवस्था के नाम लगातार हुए कप्तानों स्थानांतरण के बावजूद सीएम के इस जिले मे अपराध के ग्राफ घटने के बजाय बढते गए। जिसके चलते एसएसपी शलभ माथुर को डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध होना पडा।
सीएम सिटी गोरखपुर पुलिस कप्तानों के लिए पिछले बीस माह से पूरी तरह अशुभ साबित हो रहा है। हालात यह है कि योगी सरकार ने अपने बीस माह के कार्यकाल में जम्मू कश्मीर से प्रतिनियुक्ति पर आए आईपीएस डॉ.सुनील गुप्ता को पांचवें पुलिस कप्तान के रूप में मंगलवार की देर रात यहां तैनात कर दिया। वहीं, इसके पूर्व तैनात चार कप्तान क्रमशः रामलाल वर्मा, आरपी पांडेय, सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज और शलभ माथुर योगी सरकार के मानकों पर इतने विफल साबित हुए की इन्हें चंद महीनों में ही यहां से हटाकर किसी को डीजीपी मुख्यालय से अटैच किया गया तो किसी को पीएचक्यू हेडक्वार्टर भेजा गया।
हैरानी वाली बात तो यह है कि इनमें से किसी भी कप्तान को गोरखपुर से हटाकर किसी अन्य छोटे जिले तक की जिम्मेदारी नहीं सौंपीं गई। जाहिर है कि भ्रष्टाचार पर अंकुश, राजनैतिक हस्तक्षेप मुक्त न केवल कानून व्यवस्था स्थापित करने में पुलिस प्रशासन यहां पूरी तरह फेल साबित हो रहा है, बल्कि लगातार मिल रही पुलिस अधिकारियों की शिकायतों को देखते हुते सरकार पुलिस कप्तानों को ताश के पत्ते की तरह फेंट रही है, शायद यही वजह है कि यूपी कैडर के अधिकारियों को अब दरकिनार करते हुए इस बार शासन ने जम्मू एंड कश्मीर कैडर से प्रतिनियुक्ति पर आए बेहद जुझारू और ईमानदार माने जाने वाले आईपीएस डॉ. सुनील गुप्ता को सीएम सिटी की जिम्मेदारी सौंपी है। मंगलवार की देर रात प्रदेश में हुए 29 आईपीएस अफसरों के तबादलों के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही सीएम सिटी से कुछ अन्य अधिकारियों को इधर से उधर किया जा सकता है।
हालांकि इस 20 माह के कार्यकाल के दौरान कोई भी पुलिस कप्तान यहाँ अधिकतम 8 माह से ज्यादा नहीं टिक पाया, सबसे अधिक कार्यकाल पूरा करने वालों में निवर्तमान एसएसपी शलभ माथुर रहे। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार की रात हुए इन तबादलों के बाद से ही अन्य कुछ जिले के चर्चित अधिकारी अपनी कुर्सी बचाने की जुगत में लग गए हैं। गौरतलब है कि डॉ. सुनील गुप्ता की गिनती 2007 बैच के तेज-तर्रार आईपीएस अधिकारियों में होती है। यूपी में डेप्यूटेशन पर आए सुनील गुप्ता ने सिविल सर्विसेज में आने के बाद भी पीएचडी की उपाधि ली। इससे पहले वे डीजीपी मुख्यालय में एसपी लॉ एंड ऑर्डर के पद पर तैनात थे, वहीं कश्मीर से अपनी ड्यूटी की शुरुआत करने वाले डॉ. सुनील गुप्ता जम्मू सहित कश्मीर के अन्य जिलों में पुलिस कप्तान रह चुके हैं।