
गोरखपुर। जिला प्रशासन कचहरी क्लब में ऑक्सीजन सिलिंडर का बैंक बनाएगा। बैंक में कोविड अस्पतालों के 48 घंटे की जरूरत के बराबर सिलिंडर स्टोर करने की तैयारी की गई है। ऑक्सीजन के उत्पादन एवं आपूर्ति व्यवस्था पर नजर रखने के साथ ही जिला प्रशासन ने इसके लिए प्रयास भी शुरू कर दिए हैं। रेलवे प्रशासन ने 500 सिलिंडर, हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) ने 100 सिलिंडर प्रशासन को मदद स्वरूप उपलब्ध कराया है।
गीडा में बंद पड़ी एक ऑक्सीजन फैक्टरी से भी प्रशासन को 300 सिलिंडर मिले हैं। वहां से अभी और सिलिंडर मिलने की उम्मीद जताई गई है। प्रशासन का कहना है कि फिलहाल ऑक्सीजन बैंक की शुरुआत करने के लिए हमें 1500 सिलिंडर मिल गए हैं। प्रशासन का दावा है कि फिलहाल जिले में ऑक्सीजन सिलिंडर की कोई कमी नहीं है। गीडा में मोदी केमिकल्स की दो फैक्टरियों में रोजाना करीब 1600 और आरके ऑक्सीजन में करीब एक हजार मेडिकल ऑक्सीजन सिलिंडर का उत्पादन हो रहा है। जबकि खपत रोजाना 2200 सिलेण्डर की है। उधर, प्रशासन ने हर अस्पताल में ऑक्सीजन की निगरानी के लिए मजिस्ट्रेट और लेखपाल तैनात कर दिए हैं।
आक्सीजन की कमी नहीं, हर अस्पताल की निगरानी
गोरखपुर। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने कहा कि जिले में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। वर्तमान में यहां तीन इकाइयां चल रही हैं। इससे गोरखपुर के साथ ही लखनऊ, फैजाबाद, वाराणसी आदि शहरों को भी ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है। कोई दिक्कत न हो इसलिए सभी इकाइयों पर सहयोग के लिए मजिस्ट्रेट तैनात कर दिए गए हैं। आपात स्थिति के लिए एक ऑक्सीजन बैंक भी बनाया जा रहा है। कचहरी क्लब में 1500 ऑक्सीजन सिलिंडर से इसकी शुरुआत होगी। कोशिश है कि कोविड अस्पतालों को 48 घंटे के बैकअप के लिए इस बैंक में ऑक्सीजन सिलिंडर मौजूद रहे।
डीएम के विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर तरीके से हो सके, इसके लिए जिला प्रशासन उद्यमियों के साथ मिलकर कदम बढ़ा रहा है। ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले उद्यमी प्रवीण मोदी की ओर से इस बात की शिकायत की गई थी कि कुछ लोग गोदाम पर पहुंचकर अनावश्यक विवाद कर रहे हैं। इसके बाद जिलाधिकारी ने गीडा की तीनों इकाइयों के लिए अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है। ये अधिकारी इन इकाइयों की ओर से सुचारू आपूर्ति में सहयोग करेंगे और उनकी सुरक्षा का भी ध्यान रखेंगे। सिटी मजिस्ट्रेट की निगरानी में तीनों अधिकारी काम करेंगे और इसकी रिपोर्ट कमिश्नर को भी भेजी जाएगी।
इन अधिकारियों को सौंपी गई है जिम्मेदारी
जिलाधिकारी की ओर से मोदी केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड नार्मल से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जिम्मेदारी अपर नगर मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता को सौंपी गई है। मोदी केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड सेक्टर 13 गीडा से आपूर्ति की जिम्मेदारी उप जिलाधिकारी न्यायिक खजनी मनोज तिवारी को और आरके ऑक्सीजन प्राइवेट लिमिटेड सेक्टर 15 गीडा से आपूर्ति की जिम्मेदारी सहजनवां के एसडीएम सुरेश राय को दी गई है।
आक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी पर नजर रखेंगे सिटी मजिस्ट्रेट
सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों में भर्ती कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन मुहैया हो सके, इसके लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी को रोकने के उपाय भी किए जा रहे हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग बढऩे के साथ बिचौलियों द्वारा कालाबाजारी करने की आशंका है। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने इस कालाबाजारी को रोकने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट को निगरानी करने का निर्देश दिया है। सिटी मजिस्ट्रेट प्रतिदिन सीएमओ से समन्वय स्थापित कर ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कराएंगे। नामित अधिकारियों से चिकित्सालयों के ऑक्सीजन स्टाक की जांच भी करायी जाएगी। कोई अतिरिक्त भंडारण तो नहीं कर रहा, इस बात पर भी नजर रखी जाएगी।
अस्पतालों में तैनात किए गए लेखपाल
ऑक्सीजन प्लांट से सिलिंडर की आपूर्ति की निगरानी का जिम्मा अधिकारियों को दिए जाने के बाद वहां लेखपालों को भी तैनात किया गया है। सभी निजी कोविड अस्पतालों पर कानूनगो एवं लेखपालों की ड्यूटी लगायी गई है। उनके द्वारा वहां ऑक्सीजन की वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट प्रशासनिक अधिकारियों को दी जाएगी। उसी के अनुसार ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति भी होगी।











