घर में रख लिए ऑक्सीजन सिलेंडर, ज़िन्दगी की सांसें के लिए भटक रहे जरूरतमंद

प्रयागराज। ऑक्सीजन सिलेंडर भरने वाली इकाइयों को जिला प्रशासन ने अपने अधीन कर लिया है। एजेंसियों पर अब उन्हीं को ऑक्सीजन सिलेंडर मिल रहा है, जो अपने साथ अस्पताल का पर्चा और खाली सिलेंडर लेकर जा रहे हैं। हालांकि, तमाम लोगों ने सिलेंडर डंप कर लिए जिससे जरूरतमंद भटक रहे हैं। दावे तो सरकारी रेट पर ही सिलेंडर रीफिल करने के हैं लेकिन, सरकारी रेट के बारे में इकाइयों से जुड़े लोग बताने से कतराते हैं।

दावा किया कि नैनी स्थित पारेरहाइट केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड में जितनी पर्चियां कटती हैं, उतने सिलेंडर भरते हैं। जिला प्रशासन ने निर्देश दिया है कि कंपनी से अस्पतालों की जरूरत पूरी करें। मिलिट्री, रेलवे, सरकारी एवं प्राइवेट कोविड अस्पतालों को ही सिलेंडर दिए जा रहे हैं। कंपनी के बाहर पुलिस फोर्स लगाई है। एसडीएम स्तर के अफसर जांच को दिन में एक बार पहुंचते हैं। इसी क्रम में आइजी केपी सिंह भी एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी के साथ पारेरहाट यूनिट पहुंचे और वहां ऑक्सीजन उत्पादन के साथ ही वितरण के बारे में जरूरी हिदायत भी दी। विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी के पीआरओ घनश्याम शुक्ल ने बताया कि बड़ा सिलेंडर 500 और छोटा 150 रुपये में भरा जाता है। दावा किया कि सिलेंडर सरकारी रेट पर भरकर आपूर्ति हो रही है। नैनी सब्जी मंडी के पीछे नारायण गैस सर्विस के एक स्टाफ ने बताया कि उनके यहां जिन लोगों ने ऑक्सीजन सिलेंडर लिया था। उन लोगों ने उसे डंप कर लिया है। लोग वापस नहीं कर रहे हैं। जो तीमारदार मरीज के नाम का पर्चा और खाली सिलेंडर लेकर आ रहे हैं, उन्हें ऑक्सीजन दिया जा रहा है। स्टॉफ ने बताया कि सिलेंडर के साइज के हिसाब से चार्ज लिया जाता है।

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