दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। जिलेभर में धान खरीद धड़ाम हो चुकी है और अनावश्यक कार्रवाई के लिए अधिकारी चर्चा में हैं। क्रय केंद्रों का आलम देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि गेहूं खरीद की तरह धान खरीद में भी पीलीभीत बुरी तरह पिछड़ चुका है। पीलीभीत में धान खरीद शुरू होने से कुछ दिनों बाद ही क्रय केंद्रों पर हंगामे शुरू हो गए जो कि अभी तक जारी है। किसान संगठन लगातार अधिकारियों की प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं।
जिलेभर में धान खरीद में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोक नहीं सके अधिकारी
लेकिन इसके बावजूद भी पीलीभीत में क्रय केंद्रों पर धान खरीद ढर्रे पर नहीं है। धान खरीद में पूरी तरह नाकामयाब हो रहे अफसर आनन-फानन में कार्रवाई के लिए चर्चा में बने हुए हैं। पहले क्रय केंद्रों के आवंटन में नेताओं की मनमानी चली और माननीयों के इशारे पर क्रय केंद्र आवंटित हुए। इसके बाद जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने धान खरीद के नोडल अधिकारी को बदला और अपर जिलाधिकारी न्यायिक सूरज यादव को हटाकर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राम सिंह गौतम को जिम्मेदारी दी। लेकिन एडीएम राम सिंह गौतम धान खरीद में कोई चमत्कार नहीं दिखा सके और क्रय केंद्रों पर खरीद व्यवस्था बिगड़ती गई। इसके बाद धान खरीद ना करने वाले 19 क्रय केंद्रों को बर्खास्त किया गया था।
मगर उसके बाद भी धान खरीद को अधिकारी बढ़ा नहीं सके। क्रय केंद्रों की अदला बदली ने भी कोई खास असर नहीं छोड़ा और क्रय केंद्र सूने पड़े रहे। इस दौरान पूरनपुर मंडी के एएमओ राम कैलाश सोनकर पर किसान संगठन ने गंभीर आरोप लगाया और पीलीभीत सांसद ने भी डीएम को पत्राचार किया। उसके बाद राम कैलाश सोनकर को पूरनपुर मंडी से हटाकर डिप्टी आरएमओ ऑफिस अटैच कर दिया।
यह कार्रवाई भी चर्चा का विषय बनी रही। मगर धान खरीद में कोई परिवर्तन नहीं आया। मामला यहीं पर नहीं रुका और धान खरीद को बढ़ाने में पूरी तरह नाकाम हो चुके डिप्टी आरएमओ विकास चंद्र तिवारी पर गाज गिरी। डिप्टी आरएमओ को निलंबित करने के बाद तत्कालीन पूरनपुर एएमओ का नाम घसीटा जा रहा है और इस बात की चर्चा फैलाई जा रही है कि क्षेत्रीय विपणन अधिकारी की कारगुजारी के चलते डिप्टी आरएमओ को निलंबित किया गया है। पीलीभीत में अब तक धान खरीद के आंकड़े एक लाख दस हजार कुंटल से ऊपर नहीं बढ़ पाए हैं। दूसरी और आनन-फानन में हो रही अनावश्यक कार्यवाही चर्चा का विषय बनी हुई है।