कौशाम्बी मेट्रो स्टेशन की पार्किंग निरस्त ,फिर भी ठेकेदार का स्टाफ लोगो से वसूली कर रहा है अवैध पार्किंग शुल्क

36 लाख 73 हजार 374 रूपये में छोडा गया था टेंडर
नगर निगम प्रशासन ने इंदिरापुरम थाने में लिखित में दी तहरीर
एक पखवाडा बीतने के बाद भी पुलिस नही आयी हरकत में

गाजियाबाद:-अतुल शर्मा

गाजियाबाद। कौशाम्बी मेट्रो स्टेशन की पार्किंग निरस्त होने के बावजूद पार्किंग ठेकेदार अभी भी नगर निगम प्रशासन को धता बताकर लोगो से अवैध रूप से वाहन पार्किंग शुल्क वसूल रहा है। इस संबंध में नगर निगम प्रशासन ने इंदिरापुरम पुलिस थाना को लिखित में तहरीर लिखकर दी है। मजे की बात यह है कि नगर निगम प्रशासन की तरफ से अपरनगर आयुक्त शिवपूजन यादव ने 18 दिसम्बर 2018 को तहरीर लिखकर दी थी, लेकिन थाना पुलिस ने जांच के नाम पर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। पडताल के बाद पता चला है कि नगर निगम ने मोहित गर्ग नामक ठेकेदार के नाम कौशाम्बी मेट्रो स्टेशन की पार्किंग अगस्त 2018 में छत्तीस लाख तिहत्तर हजार तीन सौं चैहत्तर रूपये का टेंडर छोडा गया था। इस मोटी रकम का ठेका तीन किस्तो में नगर निगम को दिया जाना था,लेकिन ठेकेदार मोहित गर्ग ने इसी बीच केवल एक किस्त नगर निगम कोष में जमा की और 25 नवम्बर 2018 को माली हालत ठीक ने होने का तर्क देते हुए नगर निगम के समक्ष ठेका रदद करने का आवेदन प्रस्तुत कर दिया। जिसके चलते नगर निगम प्रशासन ने इसे स्वीकार कर लिया और ठेका रदद कर दिया। इसी बीच नगर निगम प्रशासन ने 6.दिसम्बर .2018 को मौके पर पहुँच कर जांच की तो वहां ठेकेदार मोहित के कर्मचारी पार्किंग शुल्क अवेध रूप से वसूल करते हुए पकडे गये। इनमें से संतोष नामक व्यक्ति केा मौके पर ही नगर निगम की टीम ने पकडा और उसने बताया कि वह ठेकेदार का स्टाफ है । सबूत के लिए नगर निगम अधिकारियो ने 30 रुपए की अपने वाहन की पर्ची भी कटवाई ,जिससे स्पष्ट हुआ कि मौके पर अवैध रूप से पार्किंग चल रही है।इस संबंध में अपर नगर आयुक्त शिवपूजन यादव का कहना है कि हम इंदिरापुरम थाने को लिखित में तहरीर दे चुके है,लेकिन पुलिस मामले को दबाये हुए है।उन्होने कहा कि नगर निगम की सुनवाई नही हुई तो हमें मजबूरन पुलिस के आला अधिकारियो से शिकायत करनी पडेगी। जानकारो का कहना है कि थाना पुलिस और ठेकेदार की मिली भगत से हर माह लाखो का चूना नगर निगम को लग रहा है।