ईद की आमद होते ही गुलजार होने लगी इत्र की दुकानें

लियाकत मंसूरी

मेरठ। ‘मुश्क इत्र’ दिल को सुकून और मानसिक तौर पर ठंडक राहत अदा करता है। मन को स्वास्थ्य रखता है। इसके कई मनौवैज्ञानिक कारण व औषधि तौर पर भी कई कारक है। इतनी खूबियों वाला मुश्क अफसोस मेरठ में नहीं मिलेगा। इसका कारण है सोने से ज्यादा इसकी कीमत, एक तौला सोना जहां साढ़े 53 हजार रुपए का है, वहीं मुश्क 70 हजार रुपए तौला है। महंगा होने के कारण लोग मुश्क को खरीद नहीं पाते। जन्नत-उल-फिरदौस नाम का इत्र भी 25 एमएल 650 रुपए से कम का बाजार में नहीं है। हालांकि मार्केट में मुश्क व जन्नत-उल-फिरदौस आपको आसानी से मिल जाएगा, लेकिन उसके अंदर वो खूबियां नहीं होगी, जो असली इत्र में होती है। ईद की आमद होते ही इत्र की दुकानें गुलजार होने लगी हैं। इत्र खरीदने वाले ग्राहकों की संख्या में इजाफा होने लगा हैं। गुदड़ी बाजार में स्थित इकबाल किताब घर के मालिक सैयद इकबाल अली ने बताया, मैगनेट, चमेली, मजमुआं कूलावाटर, वाइट मुस्क, सदफ, फवाके, संदल इत्र की खरीद ज्यादा हैं। इन इत्रों की कीमत 40 हजार रुपए से लेकर 600 रुपए तौला से ज्यादा नहीं हैं। सस्ते होने के कारण ग्राहक इनको आसानी से खरीद लेता है। परफ्यूम में एल्कोहल मिला होने के कारण इत्र की मांग में इजाफा हुआ हैं। उलमाओं ने भी परफ्यूम लगाने से मना किया हैं। पैगम्बर रसूल मोहम्मद को खुशबू पसंद थी और आप जब नमाज पढ़ने के लिए जाते थे तो मुश्क इत्र लगाते थे। ईद के दिन इत्र लगाना सुन्नत है। इत्र कीमत मदीना 600 रुपये, डेढ़ तौला मक्का 600 रुपये, डेढ़ तौला मजमुआं 650 रुपये, 25एमएल जन्नतुल फिरदौस 650 रुपये, 25एमएल मुश्क अम्बर 650 रुपये, 25एमएल महिलाओं को भी पसंद इत्र ऐसा नहीं की इत्र को पुरुष ही लगाते हैं, बल्कि महिलाएं भी इत्र को शोक से लगाती हैं। हालांकि उनकी पसंद अलग हैं। चमेली और मैगनेट महिलाओं की पसंद है। दोनों इत्रों को युवतियां शोक से लगाती हैं। मजमुआ, कूलर वाटर, वाइट मुस्क, सदफ, संदल, फवाके, जैस्मीन, हिना, शबनम और कैसर की खरीदारी ज्यादा है।

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