नई दिल्ली: केरल के सबरीमाला मंदिर के पट सोमवार को मासिक पूजा के बाद बंद भी हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘मुझे पूजा करने का अधिकार है लेकिन अपवित्र करने का नहीं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैं मौजूदा केंद्रीय मंत्री हूं इसलिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी नहीं कर सकती हूं लेकिन क्या आप माहवारी के खून से सने सैनिटरी नैपकिन को लेकर अपने दोस्त के घर जाएंगी? तो आप भगवान के घर पर उसे लेकर क्यों जाना चाहती हैं।’ हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है।
#WATCH Union Minister Smriti Irani says," I have right to pray,but no right to desecrate. I am nobody to speak on SC verdict as I'm a serving cabinet minster. Would you take sanitary napkins seeped in menstrual blood into a friend's home? No.Why take them into house of God?" pic.twitter.com/Fj1um4HGFk
— ANI (@ANI) October 23, 2018
महिलाओं को मंदिर के अंदर नहीं जाने देने के लिए पीरियड्स एक बड़ा कारण माना जाता है लेकिन इसके अलावा कहानियां और भी हैं। माना जाता है कि भगवान अयप्पा ने खुद यह तय किया था कि उनके दर्शन के लिए कौन आ सकता है और कौन नहीं। भगवान के मंदिर में हर साल लाखों पुरुष पहाड़ चढ़कर, नंगे पैर जाते हैं।
मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत मिलने के बाद से ही घमासान मचा हुआ है। कोर्ट के फैसले के बावजूद यहां मंदिर खुलने के बाद से तनाव की स्थिति बनी रही और इस उम्र की महिलाओं को एंट्री नहीं मिल पाई। प्रदर्शनकारियों ने दर्शन के लिए पहुंचने वाली महिलाओं को लौटने पर मजबूर कर दिया।
Fake news …… calling you out on it. Will post my video soon. https://t.co/ZZzJ26KBXa
— Smriti Z Irani (Modi Ka Parivar) (@smritiirani) October 23, 2018
सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार की याचिका
उधर, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ चुनौती दी गई। इस पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इन याचिकाओं पर 13 नवंबर को सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस. के. कौल की पीठ ने वकील मैथ्यूज जे नेदुम्पारा से कहा कि उसने याचिकाओं को 13 नवंबर को सूचीबद्ध करने के संबंध में पहले ही आदेश पारित कर दिया है।
विजयन ने लगाया आरएसएस पर आरोप
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने आरएसएस पर महिला श्रद्धालुओं को रोकने का आरोप लगाया है। विजयन ने दो टूक कहा कि आरएसएस ने मंदिर को वॉर जोन बनाने की कोशिश की। मंदिर विवाद के दौरान मीडिया पर हुए हमले पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियां चेक कीं, महिला श्रद्धालुओं और मीडिया पर हमला किया। केरल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।