दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। पूरनपुर में चार लाख की सरकार से आर्थिक सहायता दिलाने के एबज में मृतका के परिजनों से 40 हजार रुपए की घूस मांगने वाले लेखपाल को सस्पेंड कर दिया। यह कार्रवाई कलीनगर एसडीएम ने मृत्यु की घटना की सूचना समय पर कार्यालय में न देने, दैवीय राज्य आपदा के प्रकरण में अपने दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही करने एवं संतोषजनक स्पष्टीकरण न देने पर की है। तहसीलदार कलीनगर को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
शिवनगर के ग्रामीण ने जिलाधिकारी से की थी लेखपाल की शिकायत
कलीनगर तहसील के गांव शिवनगर क्षेत्र में कार्यरत लेखपाल दीपक सागर पर गांव के भगवानदास ने चार लाख रुपए का मुआवजा दिलाने के नाम पर 40 हजार रुपए सुविधा शुल्क मांगने, न देने पर गलत रिपोर्ट भेजने का आरोप लगाया था। इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की गई थी। विगत 29 अप्रैल 2023 को शिकायतकर्ता भगवान की माता लड़ैती देवी निगोही ब्रांच नहर किनारे होते हुए खेत पर जा रही थी। अचानक एक छुट्टा पशु ने उनपर हमला कर दिया। इससे वह नहर के पानी में जा गिरी और डूबने से उनकी मौत हो गई। पुलिस ने पंचनाम भर शव का पोस्टमार्टम कराया था। रिपोर्ट में पानी में डूबने से मौत होने की पुष्टि हुई।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि घटना के बाद क्षेत्रीय लेखपाल दीपक सागर घर पहुंचे और सुविधा शुल्क न देने पर गलत रिपोर्ट भेजने और सरकार से लाभ न दिलाने की बात कही। लेखपाल की मनमानी से मृतका के परिजनों को दैवीय आपदा के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता नहीं मिल सकी है। ग्रामीण की शिकायत पर डीएम ने कलीनगर एसडीएम को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए। जांच में लेखपाल की अपने पदेन दायित्वों के प्रति घोर उदासीनता बरतने, अप्रैल 2023 में घटित मृत्यु की घटना की सूचना तत्समय कार्यालय में उपलब्ध न कराना पाया गया। स्पष्टीकरण भी संतोषजनक नहीं दिया। इसके बाद लेखपाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। लेखपाल पर कार्रवाई होने से अन्य लेखपालों में भी खलबली मच गई है।
बयान- आशुतोष गुप्ता एसडीएम कलीनगर
शिवनगर के भगवानदास की शिकायत पर जांच कराई गई है। लेखपाल की घोर उदासीनता सामने आई। कार्रवाई में उनको निलंबित कर दिया गया है। विभागीय कार्यवाही में तहसीलदार कलीनगर को जांच अधिकारी नामित किया गया है। मृतिका के परिजनों को मुआवजा दिलाया जाएगा।