दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। बीसलपुर नगर की महेंद्र नगर कॉलोनी में एक दिन पूर्व मिले छात्र के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद जब शव गांव पहुंचा तो ग्रामीण में रोष फैल गया। हत्या का आरोप लगाते हुए शव को गांव के मार्ग पर रखकर जाम लगाया। जाम को खुलवाने के लिए पुलिस को काफी मशकत करनी पड़ी। भाजपा विधायक व अधिकारियों के आश्वासन पर घंटों बाद जाम खोला गया। कोतवाली क्षेत्र के गांव नवदिया सितारगंज निवासी छात्र का शव पोस्टमार्टम होने के बाद घर पहुंचा तो परिजनों ने किशोर की हत्या का आरोप लगाते हुए बीसलपुर नवदिया रोड पर ट्रैक्टर ट्राली पर शव रखकर घंटे हंगामा किया। मौके पर नवदिया सितारगंज निवासी प्रेम शंकर अपने बेटे अंकित 16 का शव सड़क पर रखकर जाम लगा दिया।
पूर्व भाजपा विधायक और एसडीएम-सीओ के आश्वासन पर खुला जाम
कई घंटों के बाद बीसलपुर भाजपा विधायक विवेक वर्मा ने लोगों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया। प्रशासन से आर्थिक सहायता व सीबीआई जांच करने की मांग की गई है। मृतक जनता इंटर कॉलेज में कक्षा 11 का छात्र था, वह 3 तारीख को सुबह घर से स्कूल जाने के लिए साइकिल से निकाला था। छात्र घर नहीं पहुंचा तो परिवार वालों ने बीसलपुर कोतवाली में अंकित की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने छात्र की तलाश शुरू कर दी, वहीं सोमवार दोपहर 12 बजे बीसलपुर नवदिया रोड पर महेंद्र नगर कॉलोनी के गेट के सामने गड्ढे में छात्र का शव बरामद हुआ व छात्र के शव के पास से उसकी साइकिल भी बरामद मिली। मंगलवार को छात्र का शव पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचने पर परिवार वालों ने छात्र की हत्या कर शव गड्ढे में फेंकने का आरोप लगाया।
घर वालों ने कहा कि गड्ढे में इतना पानी नहीं था कि उसमें बच्चा डूब सके। बच्चे को किसी ने मार के डाला है। गांव में जमकर हंगामा कांटा। इतना ही नहीं परिवार वाले युवक का शव ट्रैक्टर ट्राली पर रखकर बीसलपुर नवदिया रोड पर घटनास्थल पर लेकर पहुंचे और रोड जाम कर दिया। रोड पर कई घंटे हंगामा चलता रहा। मौके पर पहुंचे पुलिस क्षेत्राधिकारी सतीश चंद्र शुक्ला व क्षेत्रीय विधायक विवेक कुमार वर्मा व पांचों थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। परिजनों ने छात्र की हत्या की सीबीआई जांच व एक एकड़ जमीन कागज पर लिखकर ग्राम प्रधान की मोहर लगने के बाद नायब तहसीलदार रमेश चंद्र को दी। इसके बाद मामला शांत हुआ। मामला शांत होने पर छात्र के शव का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रशासन भी गांव में मौजूद रहा।