पीलीभीत। हल्द्वानी – उत्तर प्रदेश और दिल्ली की घटना को लेकर समुदाय विशेष में आक्रोश देखा गया और शनिवार में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है। पूरनपुर नगर के मोहल्ला खानकाह में शनिवार को समुदाय विशेष के लोगों ने राष्ट्रपति को संबंधित ज्ञापन एसडीएम राजेश कुमार शुक्ला को सौंपा। ज्ञापन में बताया गया है कि उत्तराखंड के हल्द्वानी मलिक बाग में मौजूद मस्जिद व दरगाह को धामी सरकार ने तोड़ दिया। विरोध करने वाली महिला और बच्चों पर धामी सरकार की पुलिस ने लाठियां बरसाई और गोली चला दी। हादसे में कई बेगुनाह लोगों की जान चली गई। हालत बिगड़ने पर पुलिस समुदाय विशेष के लोगों को जिम्मेदार बताकर उनपर जुल्म कर रही है।
दिल्ली के महरौली में डीडीए व फॉरेस्ट विभाग व दिल्ली पुलिस की मिली भगत से एक बुजुर्ग की दरगाह मस्जिद कब्रिस्तान और मदरसे को तोड़ा गया। इस्लामिक किताबें व धार्मिक किताब की बेअदवी की गई। दूसरी तरफ ज्ञानवापी और मथुरा मामले को लेकर सदन में खड़े होकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री समुदाय विशेष के लोगों को महाभारत जैसी जंग करने को लेकर धमाका रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार बाबरी मस्जिद का दर्द समुदाय विशेष ने सह लिया है। अब दूसरा दर्द देने की कोशिश की जा रही है। भाजपा सरकार सत्ता और पावर का दुरुपयोग कर देश में 6 दिसंबर जैसे हालत करना चाहती है। इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री समुदाय विशेष के लोगों को धमकी दे रहे है।
महाराष्ट्र के रहने वाले मुफ्ती सलमान अजहरी की रिहाई की मांग करते हुए बताया कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार है। सभी मामलों में संज्ञान लेकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। समुदाय विशेष ने मांगें पूरी न होने पर सडक़ों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी। इस दौरान हाफिज नूर अहमद अजहरी, हाफिज असलम नूरी, हाफिज जाकिर खान नूरी, संजय खान, हाजी लाडले, नदीम सहित आदि लोग मौजूद रहे।