पीलीभीत : शिकायतकर्ता ने डॉक्टरों पर घर में घुसकर मारपीट करने का लगाया आरोप

पीलीभीत। एक दिन पहले ही अवैध रूप से संचालित हो रहे अस्पतालों की शिकायत करने के बाद पूरनपुर में विवाद खड़ा हो गया है। शिकायतकर्ता ने डॉक्टरों पर घर में घुसकर मारपीट करने के साथ ही जाति सूचक गालियां देने का आरोप लगाकर पुलिस को तहरीर दी है। वहीं दूसरी ओर चिकित्सक सीओ पूरनपुर से मिले और लिखित ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग ने चुप्पी साध ली है।

रविवार को प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अनिकेत को हरी बाबू पासवान ने एक लिखित शिकायती पत्र देकर नगर में संचालित हो रहे अवैध अस्पतालों पर कार्रवाई के लिए लिखा था। उसके बाद बीती रात शिकायत करता के साथ मारपीट कर दी गई और मामला थाने पहुंच गया। शिकायतकर्ता हरी बाबू पासवान ने बताया है कि प्रकरण की तहरीर थाना पुलिस को दी गई है और उसे कई लोगों से जान माल का खतरा बना हुआ है। दूसरी और सोमवार को सीओ आलोक सिंह को चिकित्सकों ने ज्ञापन सौंपा है। चिकित्सक शिकायत को गलत बता रहे हैं और हरी बाबू पासवान पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर कार्रवाई के लिए पुलिस उपाधीक्षक आलोक सिंह से मिलने पहुंचे।

आरोप है कि हरी बाबू पासवान के नाम से फेसबुक पर एक आईडी चल रही है। जिस पर नगर के संचालित कई अस्पतालों से अवैध वसूली न होने पर झूठी शिकायत की गई। अस्पतालों के नाम भी दिए हैं। आरोप है कि झूठी शिकायत कर डॉक्टरों की छवि को खराब किया जा रहा है जबकि अस्पताल स्वास्थ्य विभाग में रजिस्टर्ड है। चिकित्सकों का आरोप है कि हरी बाबू पासवान आए दिन अस्पतालों की झूठी शिकायत कर चिकित्सकों को परेशान कर रहा है। सोमवार को संयुक्त रूप से चिकित्सकों ने पुलिस क्षेत्राधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।

इंसेट –

शिकायतकर्ता और डॉक्टर आमने-सामने विभाग मौन

पूरनपुर में अवैध रूप से संचालित अस्पतालों की शिकायत करने के बाद मामला विवादित हो गया और शिकायतकर्ता हरी बाबू पासवान ने डॉक्टरों पर मारपीट करने का आरोप लगाया। दूसरी ओर चिकित्सकों ने डॉक्टर यूनुस खान के नेतृत्व में पुलिस उपाध्यक्ष से मिलकर कार्रवाई के लिए कहा है। लेकिन मजे की बात यह है कि शिकायतकर्ता और डॉक्टरों की इस लड़ाई में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से मौन धारण कर चुका है और इसके चलते विवाद बढ़ रहा है, जबकि अस्पताल सही है या फिर गलत इसका फैसला स्वास्थ्य विभाग ही कर सकता है। फिलहाल दोनों तरफ से आरोप प्रत्यारोप लगाकर पुलिस को प्रार्थना पत्र दिए गए हैं।

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