पूरनपुर, पीलीभीत। श्री दिव्य शक्ति पुँज महाकाली शक्तिपीठ मंदिर में चल रहे 12वें शतचंडी महायज्ञ का पूर्णाहुति और विशाल भण्डारे के साथ समापन हो गया। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मंदिर में पहुँचकर यज्ञ स्थल की परिक्रमा कर पूजा अर्चना के पश्चात भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया।
पूरनपुर-माधोटांडा मार्ग पर तहसील मुख्यालय से करीब छह किलोमीटर दूर गांव तकियादीनारपुर में श्री दिव्य शक्ति पुँज महाकाली शक्ति पीठ मंदिर भक्तों का आस्था का केंद्र है। मंदिर में सोमवार को भक्तों की मनोकामना के लिए दिए जलाने की विशेष परम्परा है। मंदिर के महंत सूरजगिरि के द्वारा 14 मई को कलश यात्रा के साथ 12वें सात कुण्डीय शतचंडी महायज्ञ का शुभारंभ किया था नैमिषधाम के यज्ञाचार्य रितेश शास्त्री, संतोष तिवारी, सुनील शुक्ला, राजकुमार ने मंत्रोचारण के साथ ज्ञानयज्ञ में भक्तों को प्रतिदिन 2100 आहुतियां दिलवाई। भक्तों ने यज्ञ स्थल की परिक्रमा करके पूजा अर्चना की। इस शतचंडी महायज्ञ में सुबह 7 बजे से 11 बजे तक यज्ञ तथा दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक और रात 8 बजे से 11 बजे तक भागवत ज्ञान यज्ञ की अमृतवर्षा का आयोजन हुआ।
लखीमपुरखीरी के बौधिया कलां से आए कथावाचक गोपाल महाराज, वीरेन्द्र सरल, साध्वी ममता शास्त्री द्वारा प्रतिदिन भक्तों को प्रवचन सुनाकर भक्तों को मुग्धित कर दिया। उन्होंने बताया कि प्रेम, श्रद्धा, सेवा, दया, सदभावना ही सच्चा मानव धर्म है। इस रास्ते पर चलने वाला मानव देवत्त्व को प्राप्त करता है। इस तरह से कार्य करने पर संसार में उसका नाम रोशन होता है और उसी रास्ते पर संसार के लोग चलने को बाध्य होते है और उनका कल्याण होता है।
मन्दिर के महंत सूरजगिरि ने पूजा अर्चना कर विशाल भण्डारे का 11 कन्याओं को भोजन खिलाकर विशाल भंडारे का शुभारम्भ किया। भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर अजय पांडेय, कपिल पांडेय, अंकित यादव, सर्वेश कुमार स्वर्णकार, अरुण कुमार प्रजापति, रमन यादव, मनोज भारती, रामकिशोर, भगवानदास, मोहित यादव, ओमप्रकाश कुशवाहा, राधा कृष्ण कुशवाहा, मोहित पांडेय, रोहित, अमित, दिनेश सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।