न्योरिया, पीलीभीत। नरेगा योजना में फर्जी भुगतान का मामला सामने आया है। शिकायत जिला अधिकारी को दी गई है।
ग्राम पंचायत में विकास कार्यो में हुई अनियमितताओं की जाँच कराने को शपथ पत्र जिला अधिकारी को सौपे गए थे। जाँच करने के लिए कृषि अधिकारी ग्राम पंचायत में मौके पर पहुंचे। जहाँ पर जाँच अधिकारी को घटिया सामग्री से सीसी रोड बना पाया गया।
मनरेगा से लाखो रुपये से किया गया वृक्षारोपण में कोई भी पौधा मौके पर नही मिला। रुपया फर्जी तरीके से निकाल कर रोजगार सेवक ने मकान बनाया और जमीन खरीदी। आरोप है कि जाँच अधिकारी ने मनरेगा के तहत हुए कार्यो की जाँच पूरी नही की।खाना पूर्ति कर ग्राम प्रधान और रोजगार सेवक के साथ उनके घर जाकर मोटी रकम लेकर मामले को दबा दिया है। जबकि ग्राम पंचायत मे 20 लाख का घोटाला कर सरकारी धन का दुरपयोग किया गया है।
आरोप है कि प्रधान पुत्र कृषि विभाग में तथाकथित रूप से कार्य करता है। उसने कृषि अधिकारी से साठ गांठ कर मामले को रफा दफ़ा करा दिया। ग्रामीण भीम सेन ने बताया कि मनरेगा से ग्राम पंचायत सदस्यो के खाते मे बिना कार्य किये भुगतान लगातार भेजा गया है।
झूठी गवाही देने के लिए तैयार किया जा रहा है। छत्रपाल शिकायत कर्ता ने आरोप लगाते हुए बताया कि ग्राम प्रधान ,रोजगार सेवक राजकुमार सिंह और सचिव जेई और टी ए ने मिलकर बीस लाख रुपये का घोटाला किया है। गौशाला में भ्रष्टाचार कर खूब मलाई काटी है। कागजों में लाखो रुपये दिखाये जा रहे है जबकि धरातल पर जीरो विकास कार्य है।