दैनिक भास्कर ब्यूरो,
पूरनपुर-पीलीभीत। प्रसव में होने वाले खेल में सरकारी मशीनरी बुरी तरह लिप्त है, गरीब व मजबूर लोगों की पीड़ा सुनने की जगह धन कमाया जा रहा है। शनिवार को एक नया मामला सामने आया है। आशा कार्यकर्ता पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पूरनपुर में संचालित एक निजी अस्पताल को भी घेरे में लिया गया है।
माधोटांडा के ग्राम नदहा निवासी सोनू कुमार पुत्र हेतराम ने मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में कहा कि उसकी पत्नी गायत्री देवी की 15 अगस्त को डिलीवरी होने वाली थी, लेकिन गांव की आशा माया देवी बहला-फुसलाकर सरकारी अस्पताल न ले जाकर एक निजी अस्पताल श्रद्धा नर्सिंग होम पूरनपुर में ले गई। आशा और डाक्टर की मिलीभगत से उसकी पत्नी का सिजेरियन प्रसव कराया गया जिसमें 25 हजार रुपये का खर्च आया।
श्रद्धा नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने सिजेरियन प्रसव करने में लापरवाही बरती जिससे केस बिगड़ गया। आनन फानन में डॉक्टरों ने मरीज को बरेली ले जाने की बात कहते हुए रेफर कर दिया। चिकित्सक ने ऑपरेशन से पहले जांच की जरूरत नहीं समझी। हालत नाजुक होने पर पति ने महिला को बरेली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। गंभीर हालत में दो सप्ताह तक बरेली के एक निजी अस्पताल में महिला का उपचार हुआ। जिसमें 1 लाख 34 हजार रुपए का खर्च आया। पीड़ित ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर अस्पताल संचालक व आशा कार्यकत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
मामले में डा. अनिकेत गंगवार एमओआईसी ने बताया कि मुख्य चिकित्साधिकारी ने जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। ऑपरेशन में लापरवाही मिलने पर अस्पताल संचालक व मामले मे संलिप्तता पाए जाने पर आशा कार्यकत्री के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।