दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। उत्तर प्रदेश तबादला नीति के अंतर्गत हुए ट्रांसफर के बाद मुख्य विकास अधिकारी पीलीभीत छोड़ने तो तैयार नहीं है, दूसरी ओर विकास भवन चार्ज लेने पहुंचे नवागत सीडीओ को बिना कार्यभार का चार्ज लिये लौटना पड़ा। इसके बाद विकास भवन में कई तरह की चर्चाएं होना शुरू हो गई। शामली तबादला होने के बाद मुख्यालय से अटैच का आदेश आना संशय का कारण बन गया है। सीडीओ की तैनाती में हो रही देरी से विकास भवन का काम-काज भी प्रभवित हो रहा है। अंतर्जनपदीय हुए तबादलों में 30 जून को मुख्य विकास अधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह का स्थानांतरण शामली किया गया था। इसके बाद उनका स्थानांतरण शामली रद्द कर दिया गया और विभागीय अटैचमेंट का आदेश मिला।
पीलीभीत से तबादलारत मुख्य विकास अधिकारी जिले पर मौजूद
दूसरी ओर पीलीभीत के लिए अरविंद कुमार जैन को तैनाती दी गई। 30 जून को ट्रांसफर होने के बावजूद भी तबादलारत सीडीओ धर्मेंद्र प्रताप सिंह पीलीभीत छोड़ने को तैयार नहीं, वहीं नवागत मुख्य विकास अधिकारी अरविंद कुमार जैन पीलीभीत विकास भवन आ धमके। मजे की बात यह रही कि जिलाधिकारी के जनपद से बाहर होने पर अरविंद कुमार जैन नवीन तैनाती के पद पर योगदान नहीं कर सके। इसके साथ ही जिले पर दो-दो मुख्य विकास अधिकारी को लेकर कई तरह की चर्चाएं गर्म रहीं। फिलहाल सोमवार को नवीन तैनाती पर बिना योगदान किए ही नवागत मुख्य विकास अधिकारी को विकास भवन से निराश लौटना पड़ा। उधर, बताया जा रहा हैं कि अंडर ट्रांसफर सीडीओ तबादला एक्सप्रेस से उतरने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।