दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। देशभर के विभिन्न राज्यों में निवास कर रहे आदिवासियों के उत्पीड़न पर राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद की ओर से सिटी मजिस्ट्रेट को विरोध पत्र सौंपा गया, राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र में आदिवासियों की संस्कृति और पहचान बचाने की पैरोंकारी की गई है। राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद की ओर से गुरुवार को सिटी मजिस्ट्रेट सुनील कुमार सिंह को एक ज्ञापन सौंपा गया। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को संबोधित मांग पत्र में आदिवासी संस्कृति और उनकी पहचान पर उठ रहे संकट को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है। मांग पत्र में कहा गया कि भारत के राज्यों में आदिवासियों की संस्कृति, उनकी पहचान, सामाजिक और शैक्षणिक अधिकारों से विकास के नाम पर जल, जंगल और जमीन से बेदखल किया जा रहा है।
मांग पत्र में संवैधानिक अधिकारों को सुरक्षित रखने, विकास के नाम पर आदिवासियों को जल जंगल और जमीन से बेदखल करने का विरोध किया गया है। इसके साथ ही नेशनल कॉरीडोर एवं भारतमाला प्रोजेक्ट के नाम पर फोरलेन से लेकर 6 और 8 लेन के अलावा 10 लेन हाईवे निर्माण कार्य के लिए आदिवासियों को विस्थापित करने का आरोप है। राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र देने वालों में मुख्य रूप से सुखलाल बहुजन क्रांति मोर्चा, ओम प्रकाश भारत मुक्ति मोर्चा, सावित्री देवी राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला मंच, चंद्रसेन राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा, शालिनी सिंह छात्रा प्रकोष्ठ, नितिन कुमार अत्याचार निवारण शक्ति के पदाधिकारी शामिल हैं।