दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। खेती-बाड़ी से जुड़े किसानों के लिए अच्छी खबर नहीं है, किसान क्रेडिट कार्ड से लेकर खाद के कट्टो पर फसल बीमा के नाम पर हजारों, लाख रुपए किसानों से पेस्टिसाइड खरीदने के दौरान और बैंक खाते से काट लिए जाते हैं। लेकिन, फसल बीमा के लाभ से गन्ना किसानों को कोसों दूर रखा गया है। प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर गन्ना विभाग के अधिकारियों के पास गन्ना किसानों के लिए मुआवजे का कोई एक आदेश भी नहीं है।
फसल सुरक्षा और बीमा योजना की जमीनी हकीकत
मीठे गन्ने की फसल पैदा कर रहे किसानों को उनकी फसल बर्बाद होने पर सरकार के पास देने के लिए कुछ नहीं है। फसल बीमा के नाम पर तमाम कंपनियां काम कर रही है और समय-समय पर अधिकारी किसानों को फसल बीमा के लिए प्रेरित भी करते हैं। लेकिन, फसल खराब होने पर सरकार ने गन्ना किसानों के लिए कोई ऐसी योजना तैयार नहीं है कि जिससे गन्ना कृषक को मुआवजे के रूप में उसकी जमा लागत ही दिलवाई जा सके। तहसील पूरनपुर का एक मामला सामने आने के बाद गन्ना और प्रशासनिक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि सरकार या फिर गैर सरकारी बीमा कंपनियां गन्ने की फसल का नुकसान होने पर कोई मुआवजा नहीं देती है।
गांव लोधीपुर के रहने वाले मोहम्मद रेहान खान ने 5 बीघा में गन्ने की फसल लगाई थी, गन्ना पूरी तरह तैयार होने के बाद बीमारी से ग्रस्त हो गया और काफी दवाई स्प्रे के बाद भी गन्ने को बचाया नहीं जा सका। गन्ने को तैयार करने के लिए करीब छह सात माह कल समय लगा और उसके बाद फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। जमा पूंजी के साथ फसल को खराब होते देख गन्ना के सामने मुआवजे के लिए अधिकारियों से संपर्क साधा तो जानकारी हुई कि गन्ना अधिकारियों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों के पास भी गन्ना किसान को राहत देने के लिए आश्वासन तक नहीं है। गन्ने की फसल में साठ से सत्तर हजार रुपए लगाकर फसल बर्बाद होने पर जब गन्ना किसान ने बीमा कंपनी और अधिकारियों की ओर सहायता राशि पाने के लिए देखा तो उसे बड़ी निराशा हाथ लगी। फसल सुरक्षा बीमा दावे की हकीकत सामने आने पर गन्ना किसान को बड़ा झटका लगा है।
इंसेट बयान -जितेंद्र कुमार मिश्रा, जिला गन्ना अधिकारी
गन्ने की फसल बीमा आच्छादित नहीं है, इसके चलते चाह कर भी किसान को मुआवजा नहीं दिलाया जा सकता है।
इंसेट बयान – ध्रुव नारायण यादव, तहसीलदार पूरनपुर
गेहूं और धान की फसल खराब होने पर किसानों को मुआवजा दिलाया गया था, लेकिन गन्ना किसान के लिए कोई योजना नहीं है कि उसे फसल खराब होने पर मुआवजा दिलाया जाए।