दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। बिलसंडा में जिम्मेदारों की मिलीभगत से लम्बे समय से अवैध रूप से पेड़ों का कटान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पूरे क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ों का कटान धड़ल्ले से हो रहा है, जिम्मेदार मूक दर्शक बने हुए हैं। इतना ही नहीं लकड़ी माफिया अवैध कटान के साथ-साथ सरकारी पेड़ों को भी काटकर ठिकाने लगाने में पीछे नहीं रहे हैं। थाना क्षेत्र में खुलेआम ठेकेदारों व अधिकारियों के गठजोड़ के चलते बगैर परमिट के हरियाली पर आरी चलाई जा रही है, वहीं जिम्मेदार अफसर जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कह रहे है। बिलसंडा क्षेत्र के गाँव नगरारता में केसरी लाल के बाग से विशाल गूलड़ के पेड़ सहित अन्य प्रजातियों के पेडों को एक ठेकेदार ने जिम्मेदारों की सांठगांठ से बगैर परमिट बनवाए ही पेड़ काट कर ठिकाने लगा दिए। गाँव में ही केसरी लाल के बाग से पूरब साइड खेत में खड़े गूलड़ के पेड़ भी काट लिया गया।
खुलेआम हरियाली पर चल रहा ठेकेदारों का आरा
बताया जा रहा है कि दो दिन पहले भी गांव से दक्षिण और पूरब साइड में भी ठेकेदारों ने विशाल गूलड़ का पेड़ काटा था। तीन दिनों में तीन गूलड़ के पेड़ों सहित कई प्रजातियों के पेड़ों का सफाया हो गया, सामाजिक वानिकी विभाग के अफसरों का कहना है कि गूलर का कोई भी परमिट जारी नहीं हुआ है। कुछ दिन पहले ही ग्राम पंचायत चरखोला में भी नहर पर वन विभाग के सरकारी यूकेलिप्टस के सात पेड़ रातों रात काट लिए गए, जिम्मेदारों से शिकायतें हुईं लेकिन सिर्फ जाँच, फिर सांठगांठ का खेल ही चलता रहा। लेकिन वन विभाग ने इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की।
क्षेत्र के एक गांव में दो दिन पहले कुछ लोग एक खेत में हरे पेड़ों को खुलेआम काट रहे हैं और जिसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। फिलहाल बिलसंडा क्षेत्र में बगैर परमिट के अवैध रूप से खुलेआम पेड़ काटे जा रहे हैं, जिससे जिम्मेदारों पर भी सवालिया निशान लग रहा है।
संजीव कुमार, डीएफओ सामाजिक वानिकी का बयान
बिलसंडा क्षेत्र में पेड़ काटने की जानकारी मिली है, जांच कराई जा रही है और आरोप सही पाये जाने पर कार्रवाई की जाएगी।