दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। बिलसंडा में सीएमओ के आदेश पर जांच करने पहुंचे नायब तहसीलदार ने शीतल अस्पताल को सील कर दिया। ऑपरेशन के बाद रुपयों के विवाद में जच्चा-बच्चा को गायब करने का आरोप है। अस्पताल में टीम को शराब की खाली बोतल भी मिली है। बिलसंडा के पंडरी मरौरी गांव के श्रीपाल शुक्रवार को प्रसव पीड़ा के बाद पुत्रवधू रचना को लेकर आये थे, चार दिन बाद जब डिस्चार्ज का नम्बर आया तो उनसे 40 हजार मांगे गए। जबकि तय 25 हजार रुपये थे। इसको लेकर परिजनों का झगड़ा हो गया। आरोप है कि अस्पताल संचालकों ने इस दौरान पूरे रुपये न मिलने पर प्रसूता और नवजात को जबरन कहीं गायब कर दिया। बाद में परिजनों ने पुलिस को फोन किया।
कार्रवाई से प्राइवेट अस्पताल संचालकों में रही खलबली
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अस्पताल संचालक को फटकार लगाई तब जच्चा बच्चा वापस आये। इस मामले के बाद सीएमओ ने जांच के आदेश दिए। जिसके क्रम में नायब तहसीलदार अवधेश कुमार एमओआईसी डा. मुनीष राज शर्मा व पुलिस टीम को लेकर शीतल अस्पताल पहुंचे। टीम को अस्पताल गेट पर नोटिस चस्पा मिला कि एक सप्ताह के लिये डाक्टर बाहर गए हैं, इसलिये अस्पताल बंद है। पूरे मामले में टीम ने जब सख्ती की तो काफी देर बाद अस्पताल के कथित संचालक मौके पर पहुंच गए। अफसरों ने उनसे अस्पताल खुलवाकर अंदर जांच पड़ताल की तो एक कमरे में शराब की बोतल भी मिली। जांच पड़ताल व सामान नोट कर मजिस्ट्रेट ने अस्पताल को सील कर दिया है।
बयान- डा0 मुनीष राज शर्मा, एमओआईसी
पूरे प्रकरण में अस्पताल संचालक से जबाब मांगा है, मामले की रिपोर्ट सीएमओ को दी जा रही है।