दैनिक भास्कर ब्यूरो ,
पीलीभीत। नगर के गन्ना कृषक स्नातकोत्तर महाविद्यालय पुरनपुर के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवियों ने छात्र पुलिस अनुभवात्मक अधिगम कार्यक्रम के अंतर्गत कोतवाली पूरनपुर में प्रतिभाग किया। जिसमें विषय- एफ.आई.आर., एन.सी.आर., साइबर क्राइम , सफाई अभियान रहा।पुलिसकर्मी कोमल सिंह और दीपिका ने विद्यार्थियों को बताया कि कोई घटना हो जाती है और पीड़ित थाने तक पहुंचने में सक्षम नहीं होता है तो वह 112 पर कॉल करता है।
पुलिस घटना स्थल पर निस्तारण योग्य ना हो तो दोनों पक्षों को थाने लाकर शिकायत दर्ज कर विवेचना कर नियमानुसार कार्यवाही करती है। इन्हीं कार्रवाई में से एक है नॉन कॉग्निजेबल रिपोर्ट और हिंदी में गैर-संज्ञेय अपराध कहते हैं। यह ठीक प्रथम सूचना रिपोर्ट यानि कि एफ.आई.आर. की ही तरह होती है जो किसी अपराध के घटित होने पर थाने में पीड़ित द्वारा दर्ज कराई जाती है।
एफ.आई.आर. और एन.सी.आर. मे यह अन्तर कि पुलिस द्वारा कानूनी शक्तियां मिल जाती है, जिससे पुलिस बिना वॉरंट के गिरफ्तार कर सकती है, जबकि एससीआर दर्ज करने के बाद पुलिस को गिरफ्तार करने का अधिकार प्राप्त नहीं होता है। कोतवाली मे विभिन्न प्रकार के 75 रजिस्टर होते हैं जिसमें भिन्न-भिन्न सूचनाएं दर्ज की जाती हैं। साइबर अपराध का मुख्य कारण लालच है। यह ऐसा अपराध है जो कम्प्यूटर और नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है।
इसमें गतिविधियों की विस्तृत श्रृंखला जैसे गैरकानूनी रूप से किसी की निजी जानकारी प्राप्त करना, जानकारी मिटाना, उसका गलत इस्तेमाल करना, उसमें फेरबदल करना, ऑनलाइन बैंक खातों से पैसे चुराना आदि सम्मिलित हैं। इसलिए लोगों को मोबाइल फोन और कंप्यूटर सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए एवं किसी भी अनजान व्यक्ति से बैंक की एवं निजी जानकारी शेयर न करें। साइबर ठगी होने पर जल्द से जल्द 1930 पर कॉल करना चाहिए।
तत्पश्चात स्वयंसेवकों ने थाने में सफाई अभियान भी चलाया गया। शाहिद खान कार्यक्रम अधिकारी एन.एस.एस ने प्रत्येक स्वयंसेवक को प्राप्त जानकारी से कम से कम 20 लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रेरित किया है। इस दौरान संध्या देवी, सलोनी चौहान साहेरीन बी, पूर्वी शर्मा, ज्योति, मनोज वर्मा, खुशीॅद रजा, संजीव वर्मा अन्य मौजूद रहे।
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