दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकारी प्रदेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में गन्ने पर बढ़ाये गये एफआरपी मूल्य को किसानों के साथ धोखा बताया है, उन्होंने कहा कि दस रूपये बढ़ोत्तरी ऊँट के मुंह में जीरा की तरह है। रालोद के अध्यक्ष मनजीत सिंह ने कहा कि सरकार से उम्मीद लगाये बैठे थे, लेकिन कैंबिनेट के फैसले से किसानों को सिर्फ निराशा मिली है। सरकार ने राहत देने के बजाय गन्ना किसानों के साथ फिर मजाक किया है। बेतहाशा बढ़ती महंगाई में 10 रुपये की बढोत्तरी नाकाफी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2023-24 सत्र के लिए गन्ने का एफआरपी 10 रूपये प्रति कुन्तल बढ़ाकर 315 रुपये प्रति कुन्तल कर दिया है।
केंद्रीय कैबिनेट के फैसले से संतुष्ट नहीं रालोद
यह गन्ना किसानों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि गन्ना किसान को आशा थी कि गन्ने का रेट बढ़ने से वह अपनी बेटियों की शादी, बच्चों की पढ़ाई का खर्चा आसानी से उठा पायेगा और अपने कर्जाे की अदायगी भी कर सकेगा। लेकिन सरकार ने उनकी उम्मीदों पर सिर्फ पानी फेरने का काम किया है। राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह ने कहा कि सरकार किसानों की उपेक्षा कर रही है। सरकार किसान विरोधी आचरण अपनाए हुये है और देश और प्रदेश का किसान अपने आपको ठगा महसूस कर रहा है। आने वाले लोकसभा चुनाव में इन सबका बदला किसान जरूर लेगा और केन्द्र सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखायेगा।