दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। उत्तर प्रदेश सरकार भले ही गौवंश पशुओं की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है। क्षेत्रीय अधिकारी सरकार के मंसूबों पर पानी फेरने का काम कर रहे है। गौशाला में लगातार गोवंश पशुओं की मौत जिम्मेदार अधिकारीयों की पोल खोल रही है। मामला माधोटांडा थाना क्षेत्र का है। परशुराम गौशाला में तीन गोवंश पशुओं की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। कुछ पशु जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे। सबसे बड़ी बात तो यह गौशाला में गोवंश पशु की मौत के बाद भी अधिकारी नहीं जाग रहे हैं।
मौत के बाद चोरी छिपे गोशाला में मृत पशुओं को मिट्टी में दबाया
ग्राम प्रधान की सह पर मृत पशुओं को चोरी छिपे गोशाला मंे मिट्टी मे दाब दिया जाता है। अधिकारियों को इसकी जानकारी ना लग सके, गौशाला में 3 गोवंश पशु की मौत हुई और ग्राम प्रधान द्वारा सिर्फ 1 पशु की मौत होने का दावा किया जा रहा हैै। सूचना मिलने के बाद तहसीलदार हेमराज बोनाल मौके पर पहुंचे और मामले की जांच की जिसमें सुबह ही गड्ढा खोदकर दो मृत पशुओं को मिट्टी में दबा दिया। तीसरे पशु के शव को भी दबाने का प्रयास चल रहा था। लेकिन जबतक मामला सामने आ गया और अभी भी कुछ पशु तड़प रहे है।
बयान- हेमराज बोनाल, तहसीलदार
मौके पर एक गाय मृत पड़ी हुई थी, जिसका डॉक्टर द्वारा परीक्षण कर रिपोर्ट भेजी जा रही है। सूचना है कि दो मृतक गायों को दफना दिया गया है और रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी जायेगी।