पीलीभीत। युवा जिला इकाई ने प्रदेश अध्यक्ष के आह्वान पर वित्त मंत्री को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है, मांग पत्र में व्यापारियों ने वर्ष 2017 से 19 तक के मिसमेच मामलों पर जुर्माना देने से इंकार किया है और साथ ही टैक्स का ब्यौरा देने की बात कही है। अनावश्यक नोटिस आदि के खिलाफ व्यापारियों ने रोष व्यक्त किया हैं।
युवा जिलाध्यक्ष शैली शर्मा ने एसडीएम सदर देवेन्द्र सिंह को सौंपे मांग पत्र में बताया कि जी.एस.टी. के अंर्तगत वर्ष 2017-18 के बीच नया कानून लागू किया था। लेकिन ऑनलाइन पोर्टल पर सुधार व संशोधन की प्रक्रिया नहीं हुई। वर्ष 2017-18 व 2018-19 में जी.एस.टी.आर. 2ए व जी.एस.टी.आर.-2बी पोर्टल पर चालू नहीं था। सिर्फ 3बी रिटर्न फाइल हो सकती थी,
जिस वजह से व्यापारी खरीद के बिल पोर्टल पर चेक नहीं कर सकते। खरीद के बिलों के आधार पर 3बी फाइल कर आई.टी.सी. क्लेम की जाती थी। इस कारण आई.टी.सी. मिसमेच हो रही थी। अधिकांश मामलों में मामूली टैक्स का अन्तर होने पर भी धारा-73 में रूपये 10,000 एस.जी.एस.टी. व रूपये 10,000 सी.जी.एस.टी. की पैनल्टी लगाई जा रही है। जबकि 100-200 रूपये का अन्तर निकल रहा है, साथ ही 18 प्रतिशत ब्याज की मांग भी नोटिस में मिल रही है।
उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल की ओर से मांग की गई कि वर्ष 2017-18 व 2018-19 के आई.टी.सी. मिसमेच मामलों में सिर्फ टैक्स का अन्तर व्यापारी से लिया जाये। जुर्माना व ब्याज पर आई.टी.सी. मिसमेच के मामलों में छूट मिले। आई.टी.सी. मिसमेच मामलों में व्यापारियों की पैनल्टी व ब्याज वापिस किया जाये। ज्ञापन देने वालों में युवा जिलाध्यक्ष शैली शर्मा, युवा नगर अध्यक्ष आशीष लोधी, निखिल राजपूत नगर महामंत्री, रवि रस्तोगी जिला मंत्री, शुभम सक्सेना, चांद सेठ मीडिया प्रभारी, गौरव गुप्ता, अमित जायसवाल, मनोज अग्रवाल आदि व्यापारी मौजूद रहे।