
- पहले गांव वालों को और फिर विधायक पर भारी पड़े दरोगा
पीलीभीत । आरोपों में घिरे दरोगा जी को रविवार को संजीवनी मिल गई। बीती 6 अप्रैल के सड़क हादसे में मृतक के परिजनों ने रिछोला पुलिस चौकी इंचार्ज पर आरोपी को बचाने और घायल को इलाज न दिलाने के अभाव में मौत का आरोप लगाया था। एसडीएम सदर और सीओ सिटी ने जांच कर कार्यवाही का आश्वासन दिया था। दरोगा जी ने अपना बचाव करते हुए ग्रामीणों पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया। ग्रामीणों ने बरखेड़ा विधायक से न्याय की गुहार लगाई। विधायक ने एसपी से फोन पर दरोगा पर कारवाही की बात कही। एसपी ने दरोगा को संबंधित चौकी के थाना में स्थानांतरित कर दिया।
पुलिस महकमे में पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडे ने एक दर्जन उप निरक्षकों का तबादला इधर से उधर किया गया। इनमें सबसे चर्चित तबादला गजरौला थाना की पुलिस चौकी रिछोला के प्रभारी मनोज कुमार यादव का रहा। बीती 6 अप्रैल को पीलीभीत माधोटांडा रोड पर ढेरम मडरिया मंदिर के पास तिलक नगर तहसील में तैनात लेखपाल गजेंद्र यादव ने ऑल्टो कार से मोटरसाइकिल पर सवार होकर बाजार जा रहे महेंद्र और घनश्याम को रौंद दिया।सड़क दुर्घटना महेंद्र पाल की मौत हो गई थी वहीं घनश्याम गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल का उपचार अभी भी चल रहा है।
आक्रोशित भीड़ में रोड जाम कर हंगामा किया। उप जिलाधिकारी सदर आशुतोष गुप्ता और सीओ सिटी दीपक चतुर्वेदी ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को शांत कराया। मृतक के परिजनों ने रिछोला चौकी इंचार्ज मनोज कुमार यादव पर आरोप लगाया की घायल अवस्था में महेंद्र आधा तड़पता रहा और उपचार न मिलने से मौत हो गई और पुलिस आरोपी लेखपाल को बचाने में लगी रही।
एसडीएम और सीओ सिटी में मृतक के परिजनों को आश्वस्त किया कि आरोपी लेखपाल और चौकी इंचार्ज पर कार्यवाही की जाएगी। दुर्घटना के अगले दिन ही चौकी इंचार्ज ने अपना बचाव करते हुए आधा दर्जन नामजद और अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। रिपोर्ट लिखते ही गमगीन ग्रामीण सहम गए और बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्ता नंद के पास पहुंचे।
उन्होंने विधायक से दरोगा के निलंबन और फर्जी मुकदमे को खारिज कराने की मांग रखी। विधायक ने पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडे से फोन पर और फर्जी तरीके से लिखाए गए मुकदमे की जांच कर दरोगा के निलंबन की बात कही। एसपी ने सीओ सिटी को जांच सौंप दी वही एक दर्जन उपनिरीक्षकों के हुए तबादलों में मनोज कुमार यादव के नाम ने सब को चौंका दिया। अब सबकी जुबां पर एक ही बात दरोगा जी भारी पड़ गए। विधायक जी के विरोध के बावजूद दरोगा को चौकी से हटाकर थाना गजरौला में तैनाती दी गई। यह प्रकरण काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।