
दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। जिले में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि अधिकारियों के निरीक्षण से भी ठेकेदारों की मनमानी पर कोई असर नहीं हुआ और लाखों रुपए की लागत से बन रहे हॉस्पिटल में पुरानी ईट से निर्माण किया गया। पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यदाई संस्था को पहले ही पत्राचार कर चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद भी ठेकेदार ने मनमानी करते हुए पुरानी ईटों को काम में लिया है। दियोरिया कलां में लाखों रुपए की लागत से तैयार हो रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शुरुआती दौर से ही भ्रष्टाचार के मामले को लेकर चर्चा में रहा है। हॉस्पिटल को कार्यदाई संस्था ने मनमानी करते हुए करीब 5 साल देरी से निर्माण कराया। इसके बावजूद भी हॉस्पिटल पूरी तरह तैयार नहीं है और निरंतर अधिकारी स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं।
पुराने हॉस्पिटल की बाउंड्री गिराकर निकाली गई ईटे
पूर्व में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक कुमार की शिकायत पर कार्यदाई संस्था को ब्लैक लिस्टेड किया गया था, लेकिन इसका असर उल्टा हुआ और हॉस्पिटल निर्माण का काम करीब 8 माह प्रभावित रहा। निर्माणाधीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रगति को देखने के लिए जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार भी पहुंचे। मगर कार्यदाई संस्था के ठेकेदार मनमानी पर उतारू रहे और पुराने हॉस्पिटल की बाउंड्री को गिराने के बाद उसकी ईटे निकालकर प्रयोग में लाई गई। अधिकारियों के निरीक्षण के बीच ठेकेदार की मनमानी जारी रही और पुरानी ईटों पर लीपापोती करते हुए रंग रोगन भी हो गया।
ठेकेदार की मनमानी करने की कुछ तस्वीरें भी अस्पताल से सामने आई। इन तस्वीरों में शौचालय का टैंक पुरानी ईट से निर्माण होना साफ दिखाई दे रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दियोरिया कलां के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार पर अधिकारियों की कार्रवाई भी बेअसर रही और अभी तक हॉस्पिटल में मनमाने तरीके से ही कार्यदाई संस्था के ठेकेदार निर्माण कार्य कराने में लगे हुए हैं।
डॉ आलोक कुमार, सीएमओ का बयान
अस्पताल के निर्माण कार्य में लगाई गईं पुरानी ईट की शिकायत पहले भी की गई है , तत्कालीन जिलाधिकारी ने संस्था को ब्लैक लिस्टेड कराया था। अब दोबारा से रिमाइंडर भेज कर कार्यदाई संस्था की शिकायत की जाएगी।