दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। पूेरनपुर में आबादी क्षेत्र में घुसकर कई किसानों को मौत के घाट उतार चुके बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के ऑपरेशन में बाघिन पकड़ लिया गया, मंगलवार को वन विभाग ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। देर शाम तक ऑपरेशन में सफलता मिली। लेकिन बाघ की जगह बाघिन को ट्रेकुलाइज करने का किया गया है। कलीनगर तहसील क्षेत्र के जमुनिया में बीते दो माह से आबादी के निकट पहुंचकर बाघ ने कई किसानों को अपना निवाला बन चुका है। पूर्व में ग्रामीणों ने हाईवे जामकर बाघ को पकड़ने की मांग की थी। बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मिलने के बाद मंगलवार सुबह वन विभाग की टीम ने जमुनिया गांव में आपरेशन शुरू किया।
गांव के लोगों ने ली राहत की सांस, अधिकारी भी चिंता मुक्त
बता दें कि गांव के ही राजकुमार पाल के गन्ने के खेत में बाघ की लोकेशन ट्रेस की गई। गन्ने के चारों तरफ खाबर लगाकर बाघ की घेराबंदी की गई। घना गन्ना होने के कारण बाघ चार घंटे से अधिक समय तक बाघ लुका छुपी करता रहा। डॉक्टर दक्ष गंगवार ने रेस्क्यू वाहन से बाघ को ट्रैकूलाइज करने के लिए निशान लगाया। डॉक्टर दक्ष गंगवार ने ट्रेंकुलाइज गन से निशाना मारकर बाघ को डाट मार दी। डॉट लगने के बाद बाघ को ट्रैकूलाइज किया गया। लेकिन बाद में पता चला कि वह बाघ नहीं बल्कि बाघिन है, ट्रैकूलाइज करने से पहले संसाधन की व्यवस्था की गई। देर शाम तक वन विभाग के अधिकारी बाघ को रेस्क्यू करने में लग रहे।
वहीं देर शाम तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में बाघिन को ट्रैकूलाइज में सफलता मिली। इस दौरान पीटीआर डीडी नवीन खंडेलवाल, माला एसडीओ दिलीप कुमार तिवारी, सामाजिक वानिकी एसडीओ अंजनी कुमार श्रीवास्तव, डॉक्टर दक्ष गंगवार, बरही रेंजर अरुण मोहन श्रीवास्तव, पूरनपुर सामाजिक वानिकी पीयूष मोहन रेंजर, डिप्टी रेंजर कपिल कुमार सहित तमाम स्टाफ मौके पर मौजूद रहा।