जनाजे में शिरकत करते लोग
दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। न्यूरिया में बीती रात हुए नहर हादसे में दो युवकों की मौत से पूरे कस्बे में शोक की लहर दौड़ गई। जिस गाड़ी को खरीदकर परिवार के लोग खुश थे, वही कार दो परिवारों के लिए दुख का कारण बन गई। हादसे के बारे में लोगों को पता चला घटनास्थल पर हज़ारों की भीड़ दौड़ गई। घायल शहजाद अब पूरी तरह से स्वस्थ है, मगर दहशत में डूबा हुआ है। मृतक अब्दुल मुस्तफा हाल में ही सिंगापुर से पढ़ाई करके लौटा था और आगे की पढ़ाई करने के लिए ऑस्ट्रेलिया की तैयारी कर रहा था। उसको आस्ट्रेलिया जाना था, अब्दुल मुस्तफा तीन भाई बहन थे। भाई और बहन दोनों छोटे थे, अब्दुल मुस्तफा के पिता कमालुद्दीन जो एक मौलाना है और मोहल्ला भीतर गांव की मस्जिद में इमाम है।
वही गरीबी के हालात में अपने बेटे को किसी अच्छी पोस्ट पर देखना चाहते थे, नातिक अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था और अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए एचपी गैस एजेंसी जनकपुरी में मैनेजर की पोस्ट पर तैनात था। इसके सहारे पूरा परिवार चलता था, आज उस परिवार का कोई पुरसा हाल नहीं।
मृतक नातिक के मां-बाप के अलावा दो छोटी बहने हैं। शुक्रवार को सुबह 09 बजे कस्बे के मदरसा दारुल उलूम गौसिया के सामने मृतक अब्दुल मुस्तफा के पिता मौलाना कमालुद्दीन ने नमाजे जनाजा अदा कराई। इसके बाद दोनों को कब्रिस्तान में सुपर्दे खाक कर दिया गया, दोनों के जनाजे में कस्बे के हज़ारों लोग पहुंचे और नम आंखों से युवकों को मिट्टी दी गई।