दैनिक भास्कर ब्यूरो
घुंघचाई-पीलीभीत। प्रतिबंध के बावजूद भी पीटीआर के जंगल में अवैध तरह से होने वाली घुसपैठ पर लगाम नहीं लग पा रही है वन विभाग की मिलीभगत से इन दिनों जंगल के अंदर घास का अवैध तरह से कटान कर निकासी की जा रही है पूरे मामले की जानकारी के बाद भी वन विभाग के अफसर मूकदर्शक बने हुए हैं। पीटीआर आरक्षित वन क्षेत्र होते हुये भी वन विभाग की सांठगांठ वन्य जीवो को खतरे की ओर इशारा कर रहा है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व में मानव प्रवेश वर्जित कर दिया गया है।
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वन्यजीवों के सचंद्र विचरण के लिए मुफीद माने जाने वाले प्राकृतिक वास स्थलों में इंसानी दखल की जा रही है। वन विभाग की सांठगांठ के चलते अवैध घुसपैठिये खुलेआम वन संपदा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन दिनों पीलीभीत टाइगर रिजर्व की दियोरिया रेंज की पंसगमा वीट बा खन्नौद नदी पुल के आसपास भारी मात्रा में घास का कटान किया जा रहा है। वन विभाग की सांठगांठ के बाद हो रहे घास के कटान की जानकारी के बाद भी कार्यवाही नहीं की जा रही है।
घास काटने वाले मजदूरों का झुंड सुबह होते ही चोरी छुपे जंगल के अंदर प्रवेश कर जाता है। पूरा दिन घास की कटाई होने के बाद देर शाम लोडिंग के बाद रात के अंधेरों में ट्रैक्टर ट्राली से घास की निकासी की जा रही है। विभागीय सांठगांठ के चलते अवैध घुसपैठियों पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है। बड़ी मात्रा में टाइगर रिजर्व देवरिया रेंज से घास काट कर ओवरलोड ट्रैक्टर ट्राली घुंघचाई क्षेत्र व शाहजहांपुर एरिया में आसानी से सांठगांठ के नाते प्रवेश कर जाती हैं। जिससे लगातार वन संपदा के साथ वन्य जीवो के प्राकृतिक वास स्थल उजड़ रहे हैं।
दिनदहाड़े घाट के कटान की जानकारी वन विभाग द्वारा लेने पर जानकारी ना होना बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं। इंसेट बयान- नवीन खण्डेलवाल, उपनिदेशक पीटीआर।जंगल से घास काटना प्रतिबंधित नहीं है, मगर बड़े स्तर पर वन्य संपत्ति का व्यवसाय हो रहा है तो यह गलत है और उसपर कार्रवाई होगी।