पिंकी हत्याकांड का खुलासा: सौतेले पिता ने ही किया था मर्डर

भास्कर समाचार सेवा
मेरठ/किठौर। कोतवाली किठौर क्षेत्र में घटित हुई पिंकी की हत्या का खुलासा कर दिया गया। इस मामले में पुलिस ने मृतका के सौतेले पिता सहित दो हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से आलाकत्ल तमंचा, 08 कारतूस बरामद कर लिए गए।
प्रभारी निरीक्षक अरविन्द्र मोहन शर्मा ने बताया, गत 02 अक्टूबर को देवेंद्र पुत्र रामस्वरूप निवासी ग्राम मैडौलीथाना गुन्नौर जिला सम्भल ने बताया, कालू पुत्र दर्शन सिंह व दो अज्ञात ने उसके साथ लात-घूसों से मारपीट की। जान से मारने की नीयत से गोली चलायी, जो बीच बचाव करने में उसकी पुत्री पिंकी के पेट में जा लगी। पिंकी को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां 6 अक्टूबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने केस की विवेचना शुरू की। पुलिस ने उपलब्ध भैतिक, इलैक्ट्रोनिक एवं परिस्थिजन्य साक्ष्य जुटाए। सामने आया, देवेन्द्र कुमार ने ही अपने साथी राजेन्द्र सिंह उर्फ बुल्डोजर पुत्र करतार सिंह निवासी तेजपुरी थाना किठौर के साथ मिलकर अपनी पुत्री पिंकी को गोली मारकर हत्या की थी। पुलिस जांच में सामने आया, आरोपी देवेन्द्र डेरा तेजपुरी में करीब 12-13 वर्षों से अस्तबल में घोड़ों की चारा आदि की देखभाल करता था। देवेन्द्र की पत्नी पुष्पा पहले सेठी निवासी रूखड़ा थाना जरीफनगर जनपद सम्भल की पत्नी थी। पुष्पा पर सेठी से एक लड़की थी, जिसका नाम पिंकी था, जो मानसिक रूप से कमजोर थी। सेठी की मौत के बाद देवेंद्र ने पुष्पा से शादी कर ली। पुष्पा के पूर्व पति से पैदा होने के कारण पिंकी उसकी सौतेली पुत्री थी, जिससे देवेन्द्र अंदर ही अंदर घृष्णा करता था। उसे देखकर आत्मग्लानि महसूस करता था तथा आवेश में आकर कभी-कभी कहता था कि दूसरे की संतान पालना नरक के समान है, इससे अच्छा तो इसे मर जाना ही ठीक है। पिंकी को देवेन्द्र जीवित देखना नहीं चाहता था।
इंस्पेक्टर ने बताया, देवेन्द्र व राजेन्द्र सिंह उर्फ बुल्डोजर का आपस में अच्छा उठना बैठना है। राजेन्द्र सिंह का कालू पुत्र दर्शन सिंह निवासी महमूदाबाद उर्फ शेरावाली थाना परीक्षितगढ़ से काफी समय से डेरे की लगभग 12 एकड़ जमीन की फसल पर विवाद चल रहा है। राजेन्द्र सिंह को यह संशय बना हुआ था कि यह फसल इस वर्ष भी डेरे की ओर से कालू द्वारा काटी जायेगी। फसल की कीमत लगभग 60 लाख रुपए बतायी जाती है। राजेन्द्र सिंह ने फसल काटने एवं कालू को रास्ते से हटाने के लिये देवेन्द्र से यह बात कही और योजना बनायी, कि इस लड़की पिंकी से तेरा पीछा भी कट जायेगा और मेरा कालू से। तुझे सिर्फ अपनी पुत्री की हत्या कर कालू के खिलाफ रिपोर्ट लिखवानी पड़ेगी, जिसके एवज में मैं अलग से तुम्हें दस लाख रुपए भी दूंगा। देवेन्द्र को यह आइडिया पसन्द आया, तब राजेन्द्र सिंह द्वारा कही गयी बात पर देवेन्द्र राजी हो गया।
राजेन्द्र सिंह ने घटना से तीन दिन पूर्व एक तमंचा, 11 कारतूस एक बैग में रखकर लाकर दिये थे। फिर देवेन्द्र, राजेन्द्र ने आपस में मिलकर 1/2 अक्टूबर की रात्रि में घर के पीछे वाले रास्ते पर सतनाम के ईख के खेत में पिंकी पर तीन फायर किए। उसे मृत समझकर डेरे की ओर आ गया। घटना के बाद मोहल्ले के लोगों को कालू द्वारा घटना किये जाने का आरोप लगाते हुए इकट्ठा कर लिया। लोगों के पास जाकर अपनी पुत्री पिंकी को वहां से उठाकर एडमिट कराकर थाने जाकर कालू के खिलाफ रिपोर्ट भी लिखा दी। तमंचा हवेली के अन्दर बने शौचालय की छत पर छिपाकर रख दिया, जो देवेन्द्र द्वारा चलकर पुलिस को बरामद कराया जा चुका है।

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