नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रांची से आयुष्मान भारत योजना को लॉन्च करने के बाद सिक्किम पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री 24 सितंबर को नवनिर्मित पाक्योंग हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे। यह जानकारी राज्य के मुख्य सचिव एके श्रीवास्तव ने शनिवार आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में दी।
पीएम मोदी ने भी झारखंड के रांची से ‘आयुष्मान भारत’ योजना को लॉन्च करने के बाद ट्वीट के जरिए सिक्किम जाने के जानकारी दी। मोदी ने लिखा कि प्रोग्राम खत्म होने के बाद वो झारखंड से सिक्किम के लिए रवाना होंगे जहां वो कल पाक्योंग एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे।
After the programme in Jharkhand I will leave for Sikkim.
In Sikkim, I will be inaugurating the Pakyong Airport tomorrow, which will improve connectivity and benefit the people of Sikkim.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 23, 2018
श्रीवास्तव ने बताया कि 23 सितंबर की शाम लगभग 4:30 बजे प्रधानमंत्री बागडोगरा हवाई अड्डे से हेलिकॉप्टर द्वारा राजधानी गंगटोक के लिबिंग स्थित सेना ग्राउंड में उतरेंगे। हेलिपैड से प्रधानमंत्री राजभवन जाएंगे जहां उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है। प्रथम दिन प्रधानमंत्री का यहां कोई कार्यक्रम नहीं है। अगले दिन 24 सितंबर सुबह लगभग 9:30 बजे प्रधानमंत्री लिबिंग हेलिपैड से पाक्योंग के लिए रवाना होंगे जहां उनके हाथों नवनिर्मित हवाई अड्डे का उद्घाटन संपन्न किया जाएगा। करीब 10:30 बजे प्रधानमंत्री पाक्योंग स्थित संत जेवियर्स स्कूल के खेल मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, डॉ. जितेन्द्र सिंह, सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद और मुख्यमंत्री पवन चामलिंग आदि उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री लगभग 11:15 बजे पाक्योंग से बागडोगरा हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान होंगे।
मुख्य सचिव श्रीवास्तव ने बताया कि यह हवाई अड्डा 201 एकड़ में बनी है। अब तक इसकी लागत 605 करोड़ रुपये पहुंच चुकी है। हवाई अड्डे का रन-वे 1.75 किलोमीटर लंबा है, जबकि पहले 1.5 किलोमीटर निर्धारित था। आगामी 4 अक्टूबर से स्पाइसजेट कोलकाता से पाक्योंग के लिए सेवा शुरू रहा है। इसी प्रकार जल्द ही गुवाहाटी और निकट भविष्य में दिल्ली के लिए भी सेवा शुरू किया जायेगा। वर्तमान में यहां से 78 सीटर क्षमतावाले विमान शुरू किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस हवाई अड्डे की कल्पना वर्ष 2000 में की गई। वर्ष 2002 में हवाई अड्डे के लिए आधारशीला रखी गई। वर्ष 2009 में हवाई अड्डे का निर्माण कार्य शुरू किया गया। वर्ष 2012 तक इस हवाई अड्डे का निर्माण कार्य पूरा होना था, लेकिन विभिन्न कारणवश निर्धारित समय तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि जमीनदाताओं द्वारा क्षतिपूर्ति को लेकर उठाए गए मांगों के कारण भी निर्माण कारण बाधित रहा। आज भी जमीनदाता क्षतिपूर्ति का दावा कर रहे है। इसके लिए कानून विभाग के प्रधान सचिव को क्लैम कमिशनर नियुक्त कर जमीनदाताओं के मुद्दे को संबोधित करने को कहा गया है।
मुख्य सचिव ने आगे जानकारी दी कि हवाई अड्डे का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद इसी वर्ष गत 5 मार्च के दिन पहली बार भारतीय सेना के विमान ने रेन-वे पर सफल अवतरण किया। इसी क्रम में 10 मार्च के दिन स्पाइसजेट के विमान से सफल अवतरण किया था।