
देश के पीेएम मोदी ने डेनमार्क दौरे के दौरान उन्होंने सभी भारतीय समुदाय से संवाद करते हुए एक खास अपील की। अपील करने से पहले ही पीएम मोदी ने कहा क्या आप सभी लोगों से मैं कुछ मांगूंगा तो आप लोग मना तो नही करेंगे, जिसके बाद से पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय के लोगों से हर साल अपने पांच नॉन इंडियन मित्रों को भारत लाने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश में रहने वाले हर भारतीय को राष्ट्रदूत की भूमिका निभाते हुए इस कार्य को करने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री के मुताबिक, देश के हर हिस्से के दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए विदेशी मित्रों को प्रेरित करने से भारत एक बार फिर दुनिया का सबसे बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन जाएगा। एक समय था, जब हवाई जहाज की सुविधा नहीं थी, फिर भी हजारों किलोमीटर का सफर कर दुनिया भर के लोग भारत देखने आते थे।
मेरे ये डेनमार्क की पहली विजिट है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, मैं आपके बीच में आया हूं और मेरे ये डेनमार्क की पहली विजिट है। तो मैं आपसे कुछ मांग सकता हूं ? कितने लोग है जो वादा पूरा करेंगे? आजादी के 75 साल के इस अमृत महोत्सव में दुनिया में हमारे जितने देशवासी रहते है, उनसे मेरा एक आग्रह है। देखिए भारत इतना महान देश है, भारत के प्रति हम इतना गर्व करते हैं। आप कम से कम हर वर्ष, 5 नॉन इंडियन फ्रेंड्स, इंडियन नहीं। पांच नॉन इंडियन फ्रेंड्स को हिंदुस्तान देखने के लिए भेजने का काम कर सकते हैं? उनको प्रेरित कर सकते हैं? अभी से टारगेट कीजिएगा इन पांच को तो मुझे हिन्दुस्तान देखने के लिए भेजना है और फिर उसको समझाइए, हमारे यहां दक्षिण में ये है, तमिलनाडु में ये है, ओड़िसा में ये है,बंगाल में ये है।
दोस्तों आप दुनिया की कितनी बड़ी ताकत बन जाओगे- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपको कल्पना है दोस्तों आप दुनिया की कितनी बड़ी ताकत बन जाओगे ? फिर ऐसा मत करना कि वहां डायरेक्ट फ्लाइट नहीं है। रोना धोना करने वालों का ये काम नही है। एक जमाना था जब हवाई यात्राएं नही थी, मेरा देश ऐसा था कि दुनिया के लोग हजारो किलोमीटर पैदल यात्रा कर के मेरा देश देखने के लिए आते थे।
हमें ये फिर से, ये वातावरण बनाना है । अब देखिए, देखते ही देखते दुनियां के लिए एक ही डेस्टिनेशन बन जाएगा, चलो इंडिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि और ये काम, ये काम एम्बेसी का नही है, ये काम राजदूतों का नही है, ये काम आप जैसे राष्ट्रदूतों का है। राजदूत तो एक होता है, राष्ट्रदूत तो लाखो की तादात में होते है।















